अस्सी के दशक के मध्य से 'धर्मगुरुओं' की संख्या जिस प्रकार बढ़ी है, उसने एक साथ कई प्रकार की चुनौतियां और समस्याएं खड़ी कर दी हैं. ये समस्याएं वस्तुत: कानून-व्यवस्था और प्रशासन से संबंधित हैं. 29 अप्रैल, 1948 को डेरा सच्चा सौदा की स्थापना एक सामाजिक संगठन के रूप में की गयी थी. सामाजिक संगठन हों या सांस्कृतिक संगठन, बाद में चलकर इन सबके कार्य-व्यापार और तौर-तरीके भिन्न हो गये. बलूचिस्तान...
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बंजर में तब्दील होती मिट्टी -- रमेश कुमार दूबे
जिस रफ्तार से मिट्टी की उर्वरता में ह्रास हो रहा है उसे देखते हुए आने वाले वर्षों में खाद्यान्न उत्पादन का लक्ष्य हासिल हो पाएगा इसमें संदेह है। मांग के अनुरूप अन्न पैदावार में बढ़ोतरी की चुनौती तो भविष्य की बात है, कुपोषण की व्यापकता तो हमें कब का घेर चुकी है। यही कारण है कि भरपेट खाने के बावजूद कमजोरी महसूस होती है। परिवार के बुजुर्ग यह शिकायत करते...
More »प्याज के बाद अब मूंग बनी मुसीबत, एक लाख टन से ज्यादा खरीदी
भोपाल। प्याज के बाद अब सरकार को मूंग की चिंता सताने लगी है। अब तक एक लाख टन से ज्यादा की खरीदी हो चुकी है और मूंग की आवक कम होने का नाम नहीं ले रही है। पुरानी और औसत दर्जे की मूंग लेने को लेकर खरीदी एजेंसियों पर दबाव बनाया जा रहा है। उधर, साढ़े सात लाख टन प्याज आने से इसे खपाने के लिए नागरिक आपूर्ति निगम विदेश...
More »राजस्थान के कृषि मंत्री नहीं जानते GST का मतलब
जयपुर। भाजपा के नेता और कार्यकर्ता एक तरफ जीएसटी के गुणगान करते फिर रहे है, वही राजस्थान के कृषि मंत्री प्रभुलाल सैनी जीएसटी का पूरा मतलब भी नहीं जानते। रविवार को बारां जिले के सर्किट हाउस में जब एक पत्रकार ने राजस्थान सैनी से जीएसटी का मतलब पूछा तो मंत्री कुछ देर तक सोचते रहे और बाद में सिर्फ गुड्स बोलकर चुप हो गए। दिलचस्प बात यह है कि वे जीएसटी के...
More »किस हद तक माफ हों कर्ज-- आर. सुकुमार
भारत में इस मानसून की यदि कोई थीम है, तो मेरी राय में वह ‘कर्ज' है। तीन मामले आपके सामने रख रहा हूं। पहला, रिजर्व बैंक अपनी नई ताकतों से परिचय करा रहा है। नई बैंकरप्सी कोड के तहत उसने 12 बड़ी कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की है। इन कंपनियों पर हमारे बैंकिंग सिस्टम के कुल एनपीए यानी डूबे हुए कर्ज का लगभग एक चौथाई हिस्सा बकाया है। यह रकम...
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