-बीबीसी, छह दिसम्बर 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद विध्वंस कुछ अराजक तत्वों के अचानक हमले का नतीजा था या सुनियोजित और संगठित प्रयास का परिणाम? इतिहास में यह सवाल हमेशा पूछा जाएगा. वेदों में कहा गया है कि सत्य का मुख सोने के पात्र से ढका हुआ होता है. सत्य की खोज श्रमसाध्य और अनवरत चलने वाली प्रक्रिया है. सत्य अलग-अलग कोण से अलग दिखता है और देखने वाले की नज़र से...
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“हालिया कृषि कानून देश के किसानों के साथ गद्दारी हैं,” किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी
-कारवां, हरियाणा और पंजाब के किसान संसद में पारित हुए तीन कृषि कानूनों (कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) कानून, 2020, कृषक (सशक्तिकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार कानून, 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) कानून, 2020) के खिलाफ आंदोलित हैं. हरियाणा में इन दिनों चल रहे किसान आंदोलन की अगुवाई भारतीय किसान यूनियन (चढूनी)के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी कर रहे हैं जो पिछले 30 सालों से हरियाणा में किसान आंदोलन...
More »क्या है आवश्यक वस्तु अधिनियम और इसके संशोधन, जिसका किसान विरोध कर रहे हैं
-द वायर, बीते मंगलवार को राज्यसभा ने कृषि सुधार के नाम पर लाए गए आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम विधेयक, 2020 को मंजूरी दे दी, जिसके जरिये अनाज, दलहन, तिलहन, खाद्य तेलों, प्याज और आलू जैसी वस्तुओं को आवश्यक वस्तुओं की सूची से हटा दिया गया है. दूसरे शब्दों में कहें, तो अब निजी खरीददारों द्वारा इन वस्तुओं के भंडारण या जमा करने पर सरकार का नियंत्रण नहीं होगा. हालांकि संशोधन के तहत यह...
More »विनोद दुआ से जुड़े संस्थान एचडब्ल्यू न्यूज़ नेटवर्क पर आयकर विभाग का छापा
-न्यूजलॉन्ड्री, डिजिटल मीडिया संस्थान एचडब्ल्यू न्यूज़ नेटवर्क के मुंबई स्थित में ऑफिस में आयकर विभाग (इनकम टैक्स) ने छापेमारी कर तलाशी ली है. गुरुवार से शुरू यह तलाशी शुक्रवार तक चली. इसके पीछे के कारणों का अभी पता नहीं चल पाया है. भारतीय अर्थव्यवस्था और राजनीति पर बारीक नजर रखने वाले एचडब्ल्यू न्यूज़ के कार्यालय में गुरुवार, 10 सितंबर की सुबह ग्यारह बजे संपादकीय मीटिंग चल रही थी, उसी वक्त इनकम टैक्स...
More »हरियाणा: जान जोखिम में डाल सीवर साफ करने वाले रोहतक के कर्मचारियों को नहीं मिलता तय वेतन
-न्यूजलॉन्ड्री, साल 1995 की बात है. हरियाणा का रोहतक शहर बाढ़ से बुरी तरह जूझ रहा था. पानी की निकासी के सारे रास्ते बंद होने के कारण लोगों के घरों में चार-चार फुट तक पानी भर गया था. बाढ़ के पानी में शहर का मल-मूत्र भी तैर रहा था, जिसके कारण पूरे शहर का जीवन नरकीय हो गया था. ऐसी स्थिति में शहर को इस संकट से बचाने का सारा दबाव...
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