रांची : नयी स्थानीय नीति लागू करते हुए सरकार ने आवासीय प्रमाण पत्र बनवाने का रास्ता साफ कर दिया है, लेकिन नौकरी के लिए जरूरी आवासीय प्रमाण पत्र अब भी बिना खतियान के नहीं बन रहे हैं. इस कारण लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. प्रज्ञा केंद्रों पर आवासीय प्रमाण-पत्र बनवाने के लिए आनेवाले आवेदकों से खतियान, जमीन की डीड और नौकरी से संबंधित सर्विस बुक...
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झारखंड : भूमि अधिग्रहण संशोधन बिल फिर से केंद्र को भेजा
रांची : राज्य सरकार ने भूमि अधिग्रहण संशोधन बिल 2017 पर केंद्र सरकार द्वारा उठायी गयी आपत्ति का जवाब देते हुए उसे फिर से केंद्र के पास सहमति के लिए भेज दिया है. राजभवन से बिल की कॉपी केंद्र सरकार को भेज दी गयी है. गौरतलब है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार के भूमि अधिग्रहण संशोधन बिल 2017 को पुनर्विचार के लिए वापस कर दिया था. केंद्रीय...
More »बजट 2018: भारत में कृषि सुधार की आखिरी उम्मीद है, सरकार को उठाने होंगे ये कदम
नई दिल्ली. आम बजट 2018 मौजूदा सरकार का आखिरी फुल बजट होगा क्योंकि बहुत हद तक मुमकिन है कि 2019 में चुनाव की वजह से वोट ऑन एकाउंट पेश हो। ऐसे में कृषि सुधार से जुड़े कुछ ऐसे जरूरी मुद्दे हैं जिनपर बजट में ठोस एलान होना चाहिए। यह बहुत अजीब है कि एक तो ओर तो देश में 30 फीसदी कंज्यूमर भूखा है, 50 फीसदी बच्चे कुपोषण...
More »नेट निरपेक्षता और साइबर अपराध-- अरविंद कुमार सिंह
हाल में भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राइ) द्वारा अपने अनुशंसा-पत्र में यह सुनिश्चित किया जाना कि इंटरनेट सेवा प्रदाताओं (आइएसपी) को अपने मुनाफे के लिए अथवा किसी खास वेब ट्रैफिक को रोकने, धीमा करने या उसकी गुणवत्ता को प्रभावित करने का हक नहीं है, एक तरह से इंटरनेट सेवा प्रदाताओं की मनमानी पर अंकुश लगाने वाला कदम है। ट्राइ ने इंटरनेट सेवा प्रदाताओं की मनमानी व चालबाजी को छल मानते...
More »किशोर दुनिया के तकाजे-- कुलीना कुमारी
कहा जाता है कि व्यक्ति का भविष्य बचपन और उस दौरान आत्मसात किए गए मूल्यों पर आधारित होता है। 2011 की जनगणना के अनुसार, देश में करीब 41 फीसद आबादी 20 साल से कम उम्र की है। रूसो ने बच्चों को तीन अवस्थाओं में वर्गीकृत किया था- पांच वर्ष की आयु तक चलने वाली शैशवावस्था, पांच से बारह वर्ष तक बाल्यावस्था और बारह से बीस वर्ष तक किशोरावस्था। हालांकि वयस्क...
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