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दुनिया भर में कृषि में उपयोग होने वाले फास्फोरस में 70 से 80 फीसदी सुधार की जरूरत

डाउन टू अर्थ, 26 अक्टूबर शोधकर्ताओं ने खेतों में फास्फोरस बजट की मात्रा निर्धारित करने वाला अपनी तरह का पहला अध्ययन जारी किया है। यह खाद्य उत्पादन तथा विभिन्न क्षेत्रों में पोषक तत्व प्रबंधन में कमी की पहचान करने में मदद करेगा। यह नया डेटाबेस अलग-अलग देशों और क्षेत्रों को फास्फोरस से होने वाले प्रदूषण और इसकी कमी की चुनौतियों से निपटने में मदद करेगा। साथ ही, यह विभिन्न देशों के फास्फोरस...

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‘चालू खाता घाटा, विश्व स्तर पर बढ़ती खाद्य कमी’- मोदी सरकार ने रबी फसलों के लिए क्यों बढ़ाया MSP

दिप्रिंट, 19 अक्टूबर केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंगलवार को रबी सीजन की कई फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ाने का फैसला किया और अर्थशास्त्रियों का मानना है कि इसका उद्देश्य घरेलू उत्पादकों को प्रोत्साहित कर तेजी से बढ़ते देश के चालू खाता घाटे (सीएडी) में कमी लाना है. आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने मार्केटिंग सीजन 2023-24 के लिए सभी अनिवार्य रबी फसलों के लिए एमएसपी बढ़ाने को मंजूरी दी. मसूर के...

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नीम के पत्ते से तैयार करें जैविक खाद, मिलेगा बेहतर उत्पादन, पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद

दैनिक जागरण, 11 अक्टूबर रासायनिक कीटनाशकों का प्रयोग किए बिना खेती बारी करना असंभव सा होता जा रहा है। कीटनाशकों के प्रयोग से तैयार होने वाली फसल का सेवन करने से मानव जीवन पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। इसके साथ ही पर्यावरण को भी नुकसान हो रहा है। इससे उबरने के लिए काशीपुर के कृषि वैज्ञानिकों द्वारा जैविक खेती करने की दिशा में कदम उठाया गया है। जैविक खेती करने से...

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भारत के नागरिकों की खाद्य सुरक्षा- प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना और एक देश एक राशन कार्ड योजना- की पड़ताल!

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को 44,762 करोड़ रूपए की अतिरिक्त धनराशी के साथ तीन माह के लिए और बढ़ा दिया गया है. यह योजना 1 अक्टूबर, 2022 से 31 दिसम्बर, 2022 तक की अवधि तक यथावत रहेगी. यह योजना का सातवा चरण है. सातवें चरण तक योजना का कुल खर्च 3.45 लाख करोड़ रूपए से बढ़कर 3.91 लाख करोड़ रूपए हो जाएगा. कोविड महामारी के दौरान गरीब और जरूरतमंद लोगों की...

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सरकार ने कहा- देश में पर्याप्त खाद्यान्न भंडार, नियंत्रण में हैं गेहूं-आटा और चावल की कीमतें

अमर उजाला, 2 अक्टूबर रूस और यूक्रेन के बीच 24 फरवरी को शुरू हुआ युद्ध अब भी थमा नहीं है। ये दोनों देश बड़ी मात्रा में गेहूं समेत जरूरी खाद्यान्न को दुनियाभर को निर्यात करते हैं। युद्ध लंबा चलने के कारण दुनिया के सामने खाद्यान्न की चुनौती खड़ी हो गई है। इस बीच बीच रविवार को केंद्र सरकार ने लोगों की आशंकाओं को दूर करते हुए कहा कि देश में पर्याप्त...

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