सार्वजनिक वितरण प्रणाली में सुधार के मुद्दे पर मशहूर अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज और रीतिका खेड़ा का एक अध्ययन हाल ही में मशहूर पत्रिका ‘इकॉनोमिक एंड पॉलिटिकल वीकली' में प्रकाशित हुआ है, जो बताता है कि तमिलनाडु, छत्तीसगढ़, बिहार और ओड़िशा में पीडीएस में अभूतपूर्व सुधार हुआ है. अर्थशास्त्रियों ने माना है कि लीकेज से संबंधित सरकारी आंकड़े बढ़ा-चढ़ा कर पेश किये गये हैं. पढ़ें इस मुद्दे पर एक टिप्पणी. ज्यां द्रेज...
More »SEARCH RESULT
खाद्य सुरक्षा पर दोरंगी चाल -- ज्यां द्रेज़
यूपीए की सरकार में जब राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम पर भारतीय संसद में बहस हो रही थी तो भाजपा के नेताओं ने इसे ज़्यादा मजबूत बनाने की पैरवी की थी. आम चुनावों के बाद जब ख़ुद भाजपा सरकार मे पूर्ण बहुमत में आ गई है तो पार्टी अपना स्टैंड बदलती प्रतीत हो रही है. हाल ही में भाजपा नेता शांता कुमार के अध्यक्षता में बनी एक उच्च स्तरीय समिति ने खाद्य...
More »किसानों और गरीबों की जीत- श्रीकांत शर्मा
विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) की महासभा ने 27 नवंबर को खाद्य सुरक्षा कार्यक्रमों के लिए भंडारण के संबंध में एक अहम निर्णय किया है, जिसके बाद भारत में गरीबों के लिए खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम और किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर आसन्न संकट टल गया है। भारत अब डब्ल्यूटीओ के सदस्य देशों के दखल के बगैर गरीबों को सस्ता अनाज देता रहेगा और किसानों को उनकी उपज के...
More »कोर्ट की फटकार कितनी असरदार? - राजीव सचान
पिछले दिनों काले धन के सवाल पर सुप्रीम कोर्ट की ओर से केंद्र सरकार को कड़ी फटकार लगाने के चलते देश को यह संदेश गया, मानो पिछली सरकार की तरह नई सरकार भी इस मसले पर ढिलाई बरत रही है। लेकिन अब स्थिति यह है कि सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में काम कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) और सरकार का स्वर एक ही है। दोनों ही कह रहे हैं...
More »‘हिंदी प्रदेश’ की पहचान के मायने- शैबाल गुप्ता
शैबाल गुप्ता जाने-माने अर्थशास्त्री और एशियन डेवलपमेंट रिसर्च इंस्टीट्यूट (आद्री) के सदस्य सचिव हैं. पिछले दिनों इलाहाबाद स्थित गोविंद बल्लभ पंत सोशल साइंस इंस्टीट्यूट ने उन्हें 29वें ‘गोविंद बल्लभ पंत मेमोरियल लेक्चर' में व्याख्यान देने के लिए आमंत्रित किया था. इस अवसर पर बोलने के लिए उन्होंने जो विषय चुना, उसका शीर्षक था- ‘आइडिया ऑफ द हिंदी हार्टलैंड'. हिंदी में इसे ‘हिंदी प्रदेश की धारणा' कहा जा सकता है. इस...
More »