अंबी गांव (उस्मानाबाद): महाराष्ट्र के सूखा प्रभावित मराठवाड़ा इलाके में 40 साल की एक महिला ने इसलिए खुदकुशी कर ली, क्योंकि उसके पास न तो कोई रोजगार था और न ही खाने को कुछ था और वह अपने पांच बच्चों का पेट भरने में असमर्थ थी। पिछले शनिवार को जब देश में रक्षा बंधन का त्योहार मनाया जा रहा था, उस्मानाबाद जिले की मनीषा गटकल ने अपने ऊपर किरोसिन तेल डालकर...
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किसान आत्महत्या का अधूरा सच- देविन्दर शर्मा
गुलाबी तस्वीर पेश करने की तमाम कोशिशों के बावजूद राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड्स ब्यूरो (एनसीआरबी) के किसान आत्महत्या संबंधी 2014 के आंकड़े कृषि के स्याह पक्ष को ही सामने लाते हैं। वर्ष 2014 में 12,360 किसानों की आत्महत्या का सीधा अर्थ है कि हर 42 मिनट में देश में एक किसान ने आत्महत्या की। हालांकि एनसीआरबी ने किसानों की आत्महत्या के आंकड़े को दो श्रेणियों-किसानों एवं कृषि मजदूरों, में बांटने का साहसिक...
More »गांव-घर की निरक्षर महिलाएं पढ़ेंगी ककहरा
पटना: शब्द-शब्द गढ़ना है, हर औरत को पढ़ना है. अनपढ़ बहना लजाती है, जगह-जगह ठगाती है. आंचल में अक्षर की धारा, कर देगी जग को उजियारा. अपने पढ़ी दूल्हा के पतिया, केहू ना जाने पराइवेट बतिया. जी हां, अब ये स्लोगन गांव की अनपढ़ महिलाओं के लिए वरदान साबित होने जा रहे हैं. जीविका व जन शिक्षा की पहल पर गांव घर की निरक्षर महिलाओं को शिक्षित किया जाना है. इसकी...
More »पर्यावरण के सरोकारों पर एक किताब की गहरी नजर
अगर पर्यावरण के नुकसान को लेकर आपको चिंता होती है लेकिन साथ में आप इस मसले पर मौजूद अध्ययन सामग्री को बोझिल और नीरस जान पढ़ने से बचते हैं तो फिर आपके लिए एक अच्छी खबर है. हाल ही में जीन कंपेन की तरफ से एक किताब कोपिंग विद् क्लाईमेट चेंज नाम से प्रकाशित हुई है और पर्यावरणविद्, नागरिक संगठन से जुड़े कार्यकर्ता, नौकरशाह तथा शोधकर्ताओं के बीच समान...
More »नहीं मिली एंबुलेंस, हाथठेले से ले जा रहे थे अस्पताल, रास्ते में मौत
नरसिंहपुर। इलाज कराने हाथठेला में लिटाकर ले जाए जा रहे 65 वर्षीय एक वृद्घ की अस्पताल पहुंचने के पहले रास्ते में ही मौत हो गई। अस्पताल में मौत की पुष्टि हुई तो शव भी उसी हाथठेला में रखकर परिजन घर आ गए, घटना गोटेगांव क्षेत्र की है। प्रशासनिक अव्यवस्था और जनप्रतिनिधियों की उदासीनता से क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं की लचर स्थिति है। इलाज के अभाव में क्षेत्र में पहले भी कई...
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