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पीएम मोदी ने नीति आयोग का किया पुनर्गठन, अमित शाह होंगे पदेन सदस्य

नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को नीति आयोग के पुनर्गठन को मंजूरी दी. यहां जारी आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार डॉ राजीव कुमार को फिर से उपाध्यक्ष बनाया गया है, जबकि गृहमंत्री अमित शाह पदेन सदस्य होंगे. प्रधानमंत्री आयोग के अध्यक्ष होते हैं. आयोग के पदेन सदस्यों में शाह के अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वित्त और कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण, कृषि और किसान कल्याण, ग्रामीण विकास...

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चुनाव प्रचार के लिए नीति आयोग का पीएमओ को सूचनाएं देना आचार संहिता का उल्लंघन नहीं: चुनाव आयोग

नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने रविवार को कहा कि नीति आयोग ने प्रधानमंत्री कार्यालय के साथ जानकारी साझा करके चुनाव आचार संहिता का कोई उल्लंघन नहीं किया. नरेंद्र मोदी के चुनाव प्रचार के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय पर सरकारी मशीनरी के इस्तेमाल का आरोप लगाते हुए बीते 1 मई को कांग्रेस पार्टी ने चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी. स्क्रॉल डॉट इन के अनुसार, उप चुनाव आयुक्त संदीप सक्सेना ने कहा कि...

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वनबंधु कल्याण योजना: 100 करोड़ का बजट घटा कर एक करोड़ किया गया, ख़र्च नहीं हो रही राशि

नई दिल्ली: तारीख पे तारीख. ये अकेला डायलॉग भारतीय न्यायिक व्यवस्था की कहानी बता देता है. ठीक इसी तरह का एक शब्द भारतीय शासन व्यवस्था में काफी प्रचलित है. इस शब्द का नाम है ‘योजना'. सरकारें सोचती हैं कि योजना बना दो, विकास हो जाएगा. योजनाएं बनती हैं, पैसा आवंटित होता है और फिर उसके बाद योजनाओं को स्थानीय अधिकारियों के भरोसे क्रियान्वयन के लिए छोड़ दिया जाता है. पिछले 70 सालों...

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सुप्रीम कोर्ट ने RBI को निर्देश दिया RTI के तहत बैंकों की वार्षिक रिपोर्ट जारी करें

नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को शुक्रवार को निर्देश दिया कि जब तक कानून के तहत छूट नहीं मिल जाती, तब तक वह सूचना का अधिकार (आरटीआई) कानून के तहत बैंकों की वार्षिक निरीक्षण रिपोर्ट से जुड़ी जानकारी का खुलासा करें . न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली पीठ ने आरटीआई के तहत बैंकों से संबंधित सूचना का खुलासा करने के लिए आरटीआई से...

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किसानों की मौत छिपाता और सैनिकों की मौत भुनाता दिखावटी राष्ट्रवाद- अनुराग मोदी

1965 में एक तरफ देश की सीमा पर पाकिस्तान के साथ युद्ध हो रहा था और दूसरी तरफ देश सूखे और अकाल के संकट से जूझ रहा था. ऐसे समय में तत्कालीन प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री ने नारा दिया था- ‘जय-जवान, जय-किसान.' आज पहले से ज्यादा किसान आत्महत्या करने को मजबूर हो रहे है- कुछ नहीं बदला, बल्कि इतने बुरे हालात कभी नहीं रहे. सरकार की नीतियों ने उनकी समस्या और बढ़ा...

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