-इंडिया स्पेंड, बिहार के सहरसा जिले की महिषी पंचायत के 55 वर्षीय धनंजय पौद्दार सालों से शराब पीते आ रहे थे। साल 2016 में नितीश कुमार सरकार के द्वारा की गई शराबबंदी के बाद धनंजय को जब शराब मिलना बंद हुई तो उन्होंने ताड़ी और गांजे का सहारा लिया। "लेकिन हमें गांजा का ऐसा नशा लग चुका है कि अगर किसी दिन गांजा नहीं मिले तो शरीर में अजीब सा होने...
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बजट 2022 : शिक्षा व्यय बढ़ा, स्कूल फिर से खोलने में समग्र शिक्षा योजना अहम
-इंडियास्पेंड, कोविड-19 महामारी की वजह से लगातार 2 साल तक बंद रहने के बाद एक बार फिर से स्कूल खुलने को तैयार हैं, केन्द्र सरकार ने भी अहम शैक्षिक कार्यक्रम समग्र शिक्षा के लिए साल 2022-23 में साल 2021-22 के मुकाबले बजट में 20% की वृद्धि की है। पहले जहां ये ₹31,050 करोड़ का था वहीं अब यह ₹37,383 का हो गया है। हमारा विश्लेषण बताता है कि चूंकि इस कार्यक्रम के तहत...
More »चीन को लेकर मतदाताओं को लुभाया जा सकता है लेकिन आप बेरोजगारों को कैसे साधेंगे
-द प्रिंट, निर्मला सीतारमण के लिए जरूर ही बहुत मुश्किल रहा होगा ये सबकुछ कर पाना. तेज दिमाग, तेज जबान और सियासी मौकों को भांप लेने की गजब की सलाहियत होने के बावजूद नरेंद्र मोदी की सरकार के लिए 2022-23 का बजट तैयार करना और उसमें तुक बैठाना कोई आसान काम नहीं था. आखिर, निर्मला सीतारमण तेजी से छलांग लगाती एक ऐसी अर्थव्यवस्था की वित्त मंत्री हैं जो जल्दी ही 5 ट्रिलियन...
More »बेरोजगारी से परेशान होकर आंदोलन करने को मजबूर, देश का युवा इतना बेचैन क्यों है?
-द प्रिंट, जब देश अपना 73वां गणतंत्र दिवस मना रहा था तब बिहार से कुछ ऐसी तस्वीरें आईं जिन्हें देखकर गुस्सा भी आया और तरस भी. गुस्सा इस बात का कि सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया. सरकारी रेल की कई बोगियों को आग के हवाले कर दिया गया. तरस इस बात पर कि देश के युवा क्यों बार-बार इस तरह के आंदोलन करने को मजबूर हो जाते हैं? आखिर इस...
More »देश में बढ़ती बेरोजगारी और गरीबी के बजाय जिन्ना-पटेल पर हो रही राजनीति भारत के लिए खतरनाक होगी
-द प्रिंट, भारतीय राजनीति पर नज़र रखना जिनका पुराना शगल है उन्होंने इस शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस हिंदी ट्वीट को जरूर पढ़ा होगा— ‘वे ‘जिन्ना’ के उपासक है, हम ‘सरदार पटेल’ के पुजारी हैं. उनको पाकिस्तान प्यारा है, हम माँ भारती पर जान न्योछावर करते हैं.’ आप चाहें तो इसकी उपेक्षा कर दें या इसका समर्थन करें, आपकी मर्जी. या इसे सांप्रदायिकता भड़काने वाला बयान कहें,...
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