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कैसी होगी कोविड-19 के बाद दुनिया-3: पूंजीवाद रहेगा या समाजवाद

-डाउन टू अर्थ, माना जा रहा है कि कोरोनावायरस बीमारी (कोविड-19) के बाद दुनिया में बड़ा बदलाव आएगा। इंग्लैंड स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ सुरे के सेंटर फॉर द अंडरस्टैंडिंग ऑफ सस्टेनेबल प्रोस्पेरिटी के ईकोलॉजिकल इकोनोमिक्स में रिसर्च फेलो सिमोन मेयर ने इस विषय पर एक लंबा लेख लिखा, जो द कन्वरसेशन से विशेष अनुबंध के तहत डाउन टू अर्थ में प्रकाशित किया जा रहा है। इसकी पहली कड़ी में आपने पढ़ा, कैसी...

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प्रधानमंत्री के गोद लिए गांव की रिपोर्टिंग को लेकर स्क्रोल की पत्रकार सुप्रिया शर्मा पर एफआईआर

-सत्याग्रह,  कोरोना वायरस महामारी के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गोद लिए गांव की स्थिति पर रिपोर्ट करने पर उत्तर प्रदेश पुलिस ने वरिष्ठ पत्रकार सुप्रिया शर्मा के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज़ की है. यह एफआईआर 13 जून को वाराणसी के रामपुर पुलिस स्टेशन में दर्ज़ हुई है. सुप्रिया शर्मा हमारी सहयोगी न्यूज़ वेबसाइट स्क्रोल डॉट इन की कार्यकारी संपादक हैं. पुलिस के मुताबिक उनके ख़िलाफ वाराणसी के डोमरी गांव की रहने...

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लॉकडाउन के दौरान 55 पत्रकारों को मिली धमकियां, मुक़दमे और गिरफ़्तारी: रिपोर्ट

-द वायर,  बीते 25 मार्च से 31 मई, 2020 के बीच राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के दौरान कोरोना वायरस पर खबर करने या अभिव्यक्ति की आजादी के इस्तेमाल पर देशभर के कम से कम 55 पत्रकारों को गिरफ्तारी, मुकदमे, समन या कारण बताओ नोटिस, शारीरिक प्रताड़ना, कथित तौर पर संपत्ति के नुकसान या धमकियों का सामना करना पड़ा. यह जानकारी दिल्ली के ‘राइट्स एंड रिस्क एनालिसिस ग्रुप’ की इस हफ्ते जारी ‘इंडिया: मीडिया क्रैकडाउन...

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कोरोना की मारी दुनिया में रोजगार और उत्पादन का भविष्य

न्यूजलॉन्ड्री,  आज हमारी दुनिया में सब कुछ बहुत तेजी से हो रहा है. दो हफ्ते पहले मैंने लिखा था कि कोविड-19 के कारण हुए इस आर्थिक विनाश के फलस्वरूप अब कई ऐसी समस्याएं खुलकर सामने आ रही हैं जो अब तक हमारी नजरों से ओझल थीं. मैंने उन प्रवासी मजदूरों की दिल दहला देने वाली हालत के बारे में लिखा था. वे पहले रोजगार की खोज में अपने गांवों को छोड़कर...

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आखिर क्यों पलायन करते हैं बुंदेलखंड के लाखों लोग, मनेरगा में काम न मिलना भी बड़ी वजह?

-गांव कनेक्शन, "अगर हमें यहां काम मिलता रहता तो हम गांव छोड़कर क्यों जाते ? हमें इधर लॉकडाउन में सिर्फ 12 दिन का मनरेगा में काम मिला है, इसके 5 साल पहले मनरेगा में काम मिला था। जब काम नहीं मिला तो हमारे जैसे गांव के बहुत से लोग कमाने के लिए शहर चले गए।" उत्तर प्रदेश में ललितपुर जिले के बालाबेहट गांव की गुड्डी बताती हैं। गुड्डी के गांव के...

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