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मध्याह्न भोजन खाने से 16 बच्चे बीमार

जालौन : उत्तर प्रदेश में जालौन जिले के कालपी क्षेत्र में एक स्कूल में मध्याह्न भोजन योजना के तहत बना खाना खाने से 16 बच्चे बीमार हो गये. आधिकारिक सूत्रों ने आज यहां बताया कि कालपी तहसील के नसीहपुर गांव में लाल बहादुर शास्त्री उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में करीब 50 बच्चों ने मध्याह्न भोजन योजना के तहत बनी तहरी खायी थी. थोड़ी देर बाद उनमें से 16 बच्चों को पेट दर्द और उल्टियां होने...

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नहीं थम रहा मध्याह्न भोजन से बच्चों के बीमार पड़ने का सिलसिला

नई दिल्ली। जुलाई माह में बिहार में 22 बच्चों की मौत की त्रासदीपूर्ण घटना के मद्देनजर अनेक उपायों की घोषणा के बाद भी मध्याह्न भोजन खाने से जहां बच्चों के बीमार पड़ने का सिलसिला नहीं थम रहा है, वहीं कई राज्यों ने जनवरी से मार्च माह का योजना क्रियान्वयन का पूरा ब्यौरा तक जारी नहीं किया। मानव संसाधन विकास मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, अरूणाचल प्रदेश, असम, दिल्ली, हरियाणा, महाराष्ट्र, मणिपुर,...

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अब रात्रिकालिन में भी मिलेगा स्कूलों में भोजन

मुंबई: महराष्ट्र के रात्रिकालीन स्कूलों (नाइट स्कूल) में भी कक्षा एक से लेकर आठवीं तक के छात्रों को मध्याह्न भोजन योजना का लाभ दिया जाएगा. केंद्र सरकार ने इस योजना को इन स्कूलों में लागू करने के राज्य सरकार की योजना को मंजूरी प्रदान कर दी है.  यहां पर मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित इस योजना का लाभ सरकारी और सहायता प्राप्त रात्रिकालीन...

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दवा पीने से 12 विद्यार्थी बीमार

जौनपुर: उत्तर प्रदेश में जौनपुर जिले के जफराबाद क्षेत्र स्थित एक स्कूल में आज पेट के कीड़े मारने के लिये आशीर्वाद स्वास्थ्य गारंटी योजना के तहत पिलाई गयी दवा के सेवन से 12 बच्चे बीमार हो गये. मुख्य चिकित्साधिकारी डाक्टर टी. एन. मिश्र ने यहां बताया कि धर्मापुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की तीन सदस्यीय टीम आशीर्वाद स्वास्थ्य गारंटी योजना के तहत पूर्व माध्यमिक विद्यालय, सुलतानपुर में 122 बच्चों को पेट के...

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गए गुरुजी काम से- राहुल कोटियाल

गया वह ज़माना जब शिक्षक पढ़ाया करते थे. अब उन्हें छत्तीस सरकारी कामों के लिए नौकरी पर रखा जाता है. राहुल कोटियाल की रिपोर्ट. 'वर्तमान शिक्षा-पद्धति रास्ते में पड़ी हुई कुतिया है, जिसे कोई भी लात मार सकता है.’ यह टिप्पणी प्रसिद्ध साहित्यकार श्रीलाल शुक्ल ने अपने सबसे चर्चित उपन्यास 'राग दरबारी' में की थी. यह उपन्यास आज से लगभग पचास साल पहले लिखा गया था. यह वह दौर था जब...

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