-आउटलुक, पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा जमानत दिए जाने के कुछ दिनों बाद, दलित श्रम अधिकार कार्यकर्ता नौदीप कौर ने आउटलुक से हिरासत में यातना और किसानों और श्रमिकों के अधिकारों के लिए लड़ने के अपने संकल्प के बारे में बात की। पिछले महीने एक विरोध प्रदर्शन के दौरान हरियाणा पुलिस ने 24 वर्षीय युवती को हत्या और अन्य लोगों के साथ जबरन वसूली के आरोप में गिरफ्तार किया था। साक्षात्कार के कुछ अंश: आपने...
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हिरासत में प्रताड़ना झेलने वाले मजदूर अधिकार कार्यकर्ता शिव कुमार को सभी मामलों में ज़मानत मिली
-द वायर, हरियाणा के सोनीपत जिला स्थित एक स्थानीय अदालत ने मजदूर अधिकार कार्यकर्ता शिव कुमार को उन सभी तीन मामलों में जमानत दे दी, जो उन पर एक औद्योगिक इकाई के खिलाफ संगठन बनाकर विरोध करने के लिए दर्ज की गई थी. लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार, 24 वर्षीय कुमार को दो मामलों में तीन मार्च को और एक मामले में 4 मार्च को जमानत दी गई. कुमार मजदूर अधिकार संगठन के प्रमुख...
More »कोरोना संकट के दौरान बच्चों के पोषण को आश्वस्त करने में मिड-डे मील स्कीम ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है
स्कूल में दिया जाने वाला भोजन दुनिया भर में लाखों कमजोर बच्चों के लिए पोषण सुनिश्चित करता है. दुनिया भर में लगभग 37 करोड़ बच्चे स्कूल फीडिंग प्रोग्रामों का हिस्सा हैं. जबकि COVID-19 महामारी से पहले भारत में दोपहर में मिलने वाले मिड डे मील से 10 करोड़ स्कूली बच्चे लाभान्वित हुए थे, ब्राज़ील (4.8 करोड़), चीन (4.4 करोड़), दक्षिण अफ्रीका (90 लाख) और नाइजीरिया (90 लाख) जैसे देशों में...
More »कोरोना काल में भारतीय महिलाओं को हो रही है सबसे अधिक परेशानी: रिपोर्ट
-डाउन टू अर्थ, नए शोध से पता चला है कि भारत में महिलाओं को कोरोनावायरस महामारी के दौरान पुरुषों की तुलना में बहुत अधिक नुकसान हुआ है। पहले से ही महिलाएं लिंग आधारित असमानताओं का सामना करतीं हैं, उसके ऊपर कोरोना ने इन्हें आर्थिक रूप से गरीबी में धकेल दिया है। यूनिवर्सिटी ऑफ मैनचेस्टर के ग्लोबल डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट की प्रोफेसर बीना अग्रवाल ने शोध के माध्यम से पाया कि महिलाओं को कोविड...
More »आवरण कथा/ महिला किसान : खेत-खलिहान की गुमनाम बेटियां
-आउटलुक, “‘किसान’ की आम छवि में नदारद, अर्थशास्त्रियों की गणना से बाहर, जमीन के कागजात में गैर-मौजूद हमारी खेती-किसानी की अदृश्य आधी आबादी पर किसान आंदोलन से पड़ी रोशनी” यह भारत का एक बेहद शर्मनाक रहस्य है। भारत का ही नहीं, बल्कि समूचे विश्व का। जिस 'औपचारिक' अर्थव्यवस्था की हम अक्सर चर्चा करते हैं, जहां लोग परिश्रम करते हैं और उनके परिश्रम के फल को आंकड़ों और ग्राफ में दर्शाया जाता है,...
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