मुज़फ्फरनगर 7 जुलाई, 09। उत्तराखण्ड राज्य सरकार ने अपने 19 जून, 2008 के आदेश में अपनी भैरों घाटी तथा पाला-मनेरी जल-ऊर्जा परियोजनाओं पर तात्कालिक प्रभाव से कार्य रोक देने की और गंगोत्री से उत्तरकाशी तक भागीरथी गंगा जी के संरक्षण के प्रति पूर्ण प्रतिबद्धता की बात कही थी पर योजनाओं पर (विशेषतया पाला-मनेरी परियोजना पर) विनाशकारी कार्य भयावह गति पकड़ रहे हैं और उक्त आदेश कोरी धोखाधडी का रुप ले माँ गंगा जी...
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खापों ने दी आर-पार की लड़ाई की चेतावनी
रोहतक [जागरण संवाददाता]। हिंदू विवाह अधिनियम में संशोधन के मुद्दे पर हरियाणा, राजस्थान व दिल्ली की खापों ने अब आर-पार की लड़ाई लड़ने की चेतावनी दी है। रोहतक के महम चौबीसी में रविवार को जुटे 400 से अधिक खाप-पंचायतों के नुमाइंदों ने अपनी मांगों के समर्थन में 21 दिसंबर को हरियाणा में चक्का जाम करने का ऐलान कर दिया। महापंचायत में खाप प्रतिनिधियों ने किराए की कोख, लिव...
More »हिरासत में मौत के लिए राज्य जिम्मेदार
मुजफ्फरनगर, 06 मई (वेबवार्ता)। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने हिरासत में मृत्यु के मामले में सुरक्षा की जिम्मेदारी राज्य की मानते हुए एक मामले में हिरासत में हुई विचाराधीन कैदी की मौत पर उसके परिजनों को एक लाख रुपए की आर्थिक मदद देने का आदेश दिया। हिरासत में कैदी की मौत के मामले में दो अभियुक्तों को फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है। सरकारी सूत्रों ने बताया कि विचाराधीन कैदी दिनेश की हत्या के मामले में मानवाधिकार...
More »यूपी की सुस्ती के कारण नदी संरक्षण को लगा पलीता
नई दिल्ली [प्रणय उपाध्याय]। गंगा, यमुना और गोमती की धारा को प्रदूषण के बोझ से छुटकारा दिलाने की कोशिशों में उत्तर प्रदेश की सुस्ती केंद्र सरकार की फिक्र बढ़ा रही है। परियोजना कार्यो की धीमी चाल और ठंडे रवैये के कारण राज्य में राष्ट्रीय नदी संरक्षण परियोजना रेंग रही है। बल्कि केंद्र को यह शंका सताने लगी है कि अगले एक दशक में गंगा को निर्मल और अविरल बनाने का उसका संकल्प कहीं सूबे की इस...
More »बेरोजगारी निगल गई 350 बरस पुराना गांव
शामली [मुजफ्फरनगर, राजपाल पारवा], मैं हूं गांव कोठड़ा..। एक समय मेरी आबादी 500 के करीब थी। रोजगार के अभाव में दो साल पूर्व मेरा अस्तित्व समाप्त हो गया। शेष रह गया तो सिर्फ 350 वर्षो का इतिहास। ..लेकिन आज भी मेरे बरगद की शीतल छांव में मुसाफिर अपनी थकान मिटाते हैं। सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल पीर आज भी मेरे वजूद का गवाह है। अगर नहीं हैं तो यहां के बाशिंदे। मेरठ-करनाल...
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