डाउन टू अर्थ. 7 अगस्त शिकायत मिली है कि हरियाणा के प्रदूषित नाले, दिल्ली में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट्स को प्रभावित कर रहें हैं। ऐसे में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने संयुक्त समिति को मामले की जांच का निर्देश दिया है। एनजीटी ने अपने दो अगस्त, 2023 को दिए आदेश में कहा है कि समिति साइट का दौरा और स्थिति की पुष्टि करने के बाद एक रिपोर्ट कोर्ट में सौंपेगी। मामले में कोर्ट...
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किस हाल में हैं विनोबा भावे के ग्रामदानी गांव?
डाउन टू अर्थ. 7 अगस्त "दिल्ली और मुंबई में हमारी सरकार है, लेकिन हमारे गांव में, हम खुद सरकार हैं। महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले के वन क्षेत्र के अंदर बसे गांव मेंढा (लेखा) में यह वाक्य लिखा एक बोर्ड आपका स्वागत करता है। बोर्ड पर लिखा यह वाक्य जंगल और जमीन के संरक्षण के लिए गांव द्वारा स्थापित स्व-शासन की एक बानगी है। लगभग 500 गोंड आदिवासियों के इस गांव ने...
More »आने वाले संकट की आहट सुनते अरुणाचल के पक्षी
पारी. 7 अगस्त "मैंने अभी-अभी ओरिएंटल शामा की आवाज़ सुनी." मीका राई उत्साहित हैं. वह उसकी पुकार को चहचहाहट की मधुर शृंखला की तरह बताते हैं. हालांकि, उनके उत्साह में इस नन्हे काले, सफ़ेद और पीले पंखों वाले प्राणी को लेकर चिंता झलक रही है. अरुणाचल प्रदेश के ईगलनेस्ट वन्यजीव अभ्यारण्य में पिछले एक दशक से पक्षियों का अध्ययन कर रहे 30 वर्षीय फ़ील्ड स्टाफ़र मीका कहते हैं, "यह पक्षी अमूमन [900 मीटर]...
More »महामारी के बाद बच्चों की तस्करी की घटनाएं बढ़ीं; यूपी, बिहार, आंध्र प्रदेश शीर्ष पर: अध्ययन
द वायर, 1 अगस्त एक अध्ययन के अनुसार, राजस्थान की राजधानी जयपुर पिछले छह वर्षों में देश में तस्करी वाले बच्चों के लिए सबसे प्रमुख स्थान के रूप में उभरा है. ‘गेम्स24×7’ और कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेंस फाउंडेशन (केएससीएफ) द्वारा बीते रविवार (30 जुलाई) को यह अध्ययन रिपोर्ट जारी की गई है. ‘चाइल्ड ट्रैफिकिंग इन इंडिया: इनसाइट्स फ्रॉम सिचुएशनल डेटा एनालिसिस एंड द नीड फॉर टेक ड्रिवेन इंटरवेंशन स्ट्रेटजीज’ शीर्षक वाली रिपोर्ट 30...
More »बाघों की बढ़ती आबादी को संभालने में कितने सक्षम हैं भारत के जंगल
मोंगाबे हिंदी, 31 जुलाई पांच दशक पहले की बात है, देश में बाघों की पहली गिनती के नतीजों ने सरकार के लिए खतरे की घंटी बजा दी थी। बाघों की आबादी घटकर 1,827 पर आ गई थी। यह संख्या 20वीं सदी के शुरू में अनुमानित 20,000-40,000 से काफी कम थी। इसी खतरे को भांपते हुए 1973 में ‘प्रोजेक्ट टाइगर’ शुरू किया गया। यह कार्यक्रम आज भी भारत में बाघों को बचाने...
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