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60 दिन का लॉकडाउन बनाम 60 साल के पर्यावरणीय प्रोटोकॉलः कुछ नीतिगत सुझाव

-जनपथ, कोविड-19 महामारी के चलते वैश्विक लॉकडाउन ने भले ही तमाम देशों की अर्थव्यवस्था और सामाजिक ढांचे को अस्त-व्यस्त कर दिया हो लेकिन पर्यावरण के लिए यह काल बहुत सुखद साबित हुआ है. विश्व भर से आ रहे तमाम आंकड़ों से स्पष्ट हो रहा है कि विगत 60 दिनों में पर्यावरणीय स्थिति में जो सुधार देखने को मिला है वह 60 वर्षों में किये गये तमाम प्रयासों और जलवायु परिवर्तन के...

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कश्मीर में मीडिया और इंटरनेट पर लगाए गए प्रतिबंधों से भारत की प्रेस स्वतंत्रता रैंकिंग गिरी, हालांकि स्कोर में हुआ सुधार

हाल ही में रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स (रिपोर्टर्स सेन्स फ्रंटियर्स - आरएसएफ) जोकि एक मीडिया वॉचडॉग संगठन है और अभिव्यक्ति व सूचना की स्वतंत्रता के लिए काम करता है, ने एक रिपोर्ट जारी की है. यह रिपोर्ट बताती है कि भारत में साल 2018 हुई छह पत्रकारों की हत्याओं से उल्ट साल 2019 में पत्रकारों की हत्या का एक भी मामला सामने नहीं आया. तब भी यह कहना गलत होगा कि...

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खिल उठा पर्यावरण हवा-पानी हुआ शुद्घ

-इंडिया टूडे,   वातावरण ऐसे खिल उठा है, मानो लॉकडाउन उसके लिए वरदान बनकर आया. यकीनन, कोरोना वायरस के प्रकोप की रोकथाम के लिए 24 मार्च से लागू लॉकडाउन गरीब-गुरबों और प्रवासी मजदूरों के लिए आफत बनकर आया है लेकिन इसका एक नतीजा हर तरह के प्रदूषण में भारी कमी के रूप में दिख रहा है. वाकई, यह सुखद एहसास पैदा करता है. मानो प्रकृति अपने मूल स्वरूप में लौट गई है....

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16 वर्षीय पर्यावरण कार्यकर्ता ने कहा, जलवायु परिवर्तन पर वैश्विक नेताओं ने विश्वासघात किया

संयुक्त राष्ट्रः सोमवार को संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन को संबोधित करते हुए 16 साल की पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने गुस्सा जाहिर करते हुए वैश्विक नेताओं की तीखी आलोचना की. उन्होंने वैश्विक नेताओं पर ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन से निपटने में नाकाम होने के लिए अपनी पीढ़ी से विश्वासघात करने का आरोप लगाया. स्वीडिश किशोरी ग्रेटा ने अपना संबोधन शुरू करते हुए कहा, ‘ये सब गलत है. मुझे यहां नहीं...

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पर्यावरण है जीने का अधिकार: गोपाल कृष्ण

भारत में पर्यावरण के लिए सबसे बड़ी चुनौती नीतिगत स्तर पर है. पर्यावरण को अगर नुकसान करना बंद कर दिया जाये, तो वह खुद ही सुधरना शुरू कर देता है. एक तरफ तो उसके नुकसान की प्रक्रिया जारी रहती है और साथ ही उसे बचाने की बात होती है. पर्यावरण को नुकसान पहुंचानेवाली नीतियों और परियोजनाओं पर रोक लगायी जाए. उसके बाद ही बचाने के बारे में सोचा जाए. नदी...

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