वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में तेजी से घरेलू स्तर पर मुद्रास्फीति (महंगाई) बढ़ने का जोखिम बना हुआ है। इससे भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई ) वित्त वर्ष 2018-19 की पहली मौद्रिक समीक्षा बैठक में ब्याज दरों के मोर्चे पर यथास्थिति कायम रख सकता है। ऐसे में कर्ज की मासिक किश्त (ईएमआई) घटने की उम्मीद लगाए उपभोक्ता और उद्योग जगत को निराश होना पड़ सकता है। दिग्गज...
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भारी गलती है यह ट्रेड वॉर-- अजीत रानाडे
इस वर्ष के प्रारंभ में दावोस में दिये अपने भाषण में प्रधानमंत्री मोदी ने व्यापार संरक्षणवाद को तीन प्रमुख वैश्विक चुनौतियों में एक बताया. दरअसल, इसे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा प्रतिपादित तथा अब क्रियान्वित व्यापार नीति से जोड़कर देखा जा रहा है. हाल ही में एल्युमिनियम तथा स्टील के आयात पर उनके द्वारा थोपा गया ऊंचा आयात शुल्क उनके संरक्षणवादी कदमों की शृंखला में नवीनतम कड़ी है, जिसमें आगे...
More »खुशहाली का पैमाना और भारत-- राजू पांडेय
भारत के लोग दुनिया के और देशों के लोगों के मुकाबले कितने खुश हैं, इसका जवाब हमें वैश्विक खुशहाली सूचकांक से मिलता है। जवाब यह है कि दुनिया के एक सौ दस देश हमसे ज्यादा खुशहाल हैं। इतना ही नहीं, खुशी के इस पैमाने पर हम लगातार नीचे आते जा रहे हैं। हाल में वैश्विक खुशहाली सूचकांक से पता चला है कि भारत वर्ष 2014 में एक सौ छप्पन देशों...
More »इस आधार को चाहिए नया विस्तार-- नंदन नीलेकणि
आधार इसलिए बनाया गया था, ताकि तमाम लोगों को एक अद्वितीय व डिजिटल पहचान दी जा सके। मगर आज खुद आधार की पहचान सवालों के घेरे में है। ऐसे कई लोग हैं, जो यह बताते नहीं थकते कि आधार एक बचत योजना है। अपने तर्कों में वे इसे एक अप्रभावी बचत योजना भी कहते हैं। चूंकि आधार-निर्माण की प्रक्रिया में मैं भी शामिल रहा हूं, इसलिए यह दावे से कह...
More »अर्थव्यवस्था सुधारने का मौका-- हिमांशु
आगामी 1 फरवरी को पेश होने वाला बजट मौजूदा सरकार का आखिरी पूर्ण बजट होगा। ऐसा इसलिए, क्योंकि 2019 का बजट लेखानुदान होगा। हालांकि मोदी सरकार का यह आखिरी पूर्ण बजट होगा या नहीं, यह इस बात पर निर्भर करेगा कि 2019 में चुनावी नतीजा किस करवट बैठता है? इसका मतलब यह है कि आगामी बजट महज इसलिए महत्वपूर्ण नहीं है कि इससे अर्थव्यवस्था को कौन-सी दिशा मिलती है, बल्कि...
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