संजय सिंह, नई दिल्ली। अपने कार्यकाल के पहले साल में मोदी सरकार ने श्रम सुधारों के कठिन रास्ते पर आगे बढ़ने का साहसिक प्रयास किया है। लेकिन, कामयाबी इंस्पेक्टर राज के मोर्चे पर ज्यादा मिली है। इस दौरान जहां एक तरफ सरकार ने श्रम संबंधी मसलों को लेकर अपना एजेंडा स्पष्ट किया, वहीं विभिन्न पोर्टलों के जरिये श्रम प्रक्रियाओं को सुविधाजनक व पारदर्शी बनाने में काफी हद तक कामयाबी हासिल...
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मोदी सरकार के 1 साल( विशेष आलेख, आलेख प्रभात खबर)
पिछले आम चुनाव के दौरान नरेंद्र मोदी का एक प्रमुख नारा था- ‘सबका साथ-सबका विकास'. अपने इस वादे पर अमल करते हुए सरकार ने पिछले एक साल में आम आदमी की समृद्धि और उन्हें आर्थिक सुरक्षा मुहैया कराने के उद्देश्य से कई नयी योजनाएं शुरू कीं. कुछ पिछली योजनाओं में भी तब्दीली करते हुए उन्हें नये नाम और प्रारूप में शुरू किया गया. जन-धन, बीमा और पेंशन आदि से जुड़ी...
More »अगले दो साल में एक करोड लोगों को रोजगार मुहैया करायेगी सरकार : बंडारु दत्तात्रेय
पटना : केंद्रीय श्रम और रोजगार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बंडारु दत्तात्रेय ने आज कहा कि केंद्र सरकार की बेरोजगारी दूर करने के लिए अगले दो सालों के दौरान एक करोड लोगों को रोजगार उपलब्ध कराये जाने की योजना है. उन्होंने बताया कि देश में वित्त वर्ष 2013-14 के अनुसार कार्यबल की संख्या करीब 47 करोड है जिनमें से गैर संगठित क्षेत्र में 39 करोड और संगठित क्षेत्र में 8...
More »बाल श्रम कानून में बड़ा बदलाव, पारिवारिक व्यवसाय में काम कर सकते हैं छोटे बच्चे
नयी दिल्ली : बाल श्रमू कानून में बडे बदलाव करते हुये केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज 14 साल से कम उम्र के बच्चों को जोखिम-रहित पारिवारिक व्यवसाय, मनोरंजन उद्योग और खेल गतिविधियों में काम करने को मंजूरी दे दी. बच्चों को इन कामों में विद्यालय समय के बाद काम पर लगाया जा सकेगा. इसके साथ ही अभिभावकों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई में भी ढील दी गई है. बाल अधिकार कार्यकर्ता जहां बाल...
More »सरकार नहीं, समाज गढ़ता है श्रेष्ठ संस्थान- हरिवंश
अमेरिका के जितने भी महान विश्वविद्यालय हैं, उन्हें बनाने के लिए बड़े-बड़े पूंजीपतियों ने अपनी जिंदगी भर की कमाई लगा दी. एक झटके में करोड़ों डॉलर का दान कर दिया. क्या भारत में पैसेवालों की कमी है? नहीं. फिर क्यों यहां ऐसे संस्थान नहीं खड़े होते? क्यों हम लोग हर चीज के लिए सरकार का मुंह देखते रहते हैं. सरकार अपना काम करे, यह जरूरी है. पर समाज और लोगों की...
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