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राजनीतिक एजेंडे में पर्यावरण क्यों नहीं-- नवरोज के दुबाश

भारत में पर्यावरण की हालत काफी भयावह है। इससे जुड़े आंकडे़ परेशान करने वाले हैं। मसलन, देश की हर पांच में से तीन नदियां प्रदूषित हैं। ज्यादातर ठोस कचरों का निस्तारण नहीं किया जाता; यहां तक कि देश के समृद्ध हिस्सों में भी नहीं। मुंबई में 90 फीसदी, तो दिल्ली में 48 फीसदी कचरों का निस्तारण नहीं हो पाता। फिर, देश की तीन-चौथाई आबादी उन हिस्सों में बसती है, जहां...

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वो पेंशन रोक सकते हैं, पर खाना खाने से नहीं: जस्टिस चेलमेश्वर

सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत न्यायमूर्ति जस्ती चेलमेश्वर का कहना है कि फ़र्क़ नहीं पड़ता कि भारत सरकार ठीक से काम कर रही है या नहीं या फिर सुप्रीम कोर्ट अपना काम ठीक से कर रहा है या नहीं. बीबीसी से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश के कृष्णा ज़िले के अपने पैतृक गाँव में वो सुकून की ज़िन्दगी जी रहे हैं 'जहां ना संसद है और ना सुप्रीम कोर्ट.' पिछले...

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10 फीसदी आरक्षण: तेजी से घट रही है सरकारी विभाग, बैंकों में नौकरियां

नई दिल्ली: रोजगार की संभावनाओं के संदर्भ में सामान्य श्रेणी में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण के लाभार्थियों को केंद्र सरकार में घटती नौकरियों की समस्या का समाना करना पड़ सकता है. इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक सरकारी आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले कुछ सालों में केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम (सीपीएसई), यहां तक कि बैंक में भी लगातार नौकरियां कम हो रही हैं. कार्मिक...

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पोषण और अंडे का संघर्ष- ज्यां द्रेज

बच्चों को लेकर भारत में एक बड़ा विरोधाभास दिखायी देता है. एक तरफ, घर में बच्चों को बहुत प्रेम किया जाता है. दूसरी तरफ, लोक-नीति में बच्चों पर बहुत कम ध्यान दिया जाता है. आज भी गरीब बच्चों को न सही शिक्षा मिल रही है, न स्वास्थ्य सुविधा और न ही पोषण. इसके कारण बांग्लादेश और नेपाल की तुलना में भारत के बाल विकास से संबंधित आंकड़े कमजोर हैं. इससे...

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जीत गईं जातियां, हार गईं जातियां- जिल वर्निस

मध्य प्रदेश और राजस्थान जैसे प्रमुख हिंदी भाषी प्रदेशों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर कांग्रेस की जीत 2014 के लोकसभा चुनावों के बाद से भारत में हुआ सबसे बड़ा राजनीतिक उलटफेर है। मगर नवनिर्वाचित विधायकों का जातिगत विश्लेषण यह बताता है कि इन दोनों सूबों में सत्ता का बंटवारा जिन-जिन सामाजिक समूहों में है, उनके सियासी रुतबे में इस राजनीतिक बदलाव के बावजूद कोई बड़ा फेरबदल नहीं हुआ है।...

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