जनसत्ता 13 मार्च, 2013: जर्मनी का कोलोन शहर दो कारणों से पूरे यूरोप में पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र रहा है। एक, रोमन कैथलिक चर्च ‘डोम’ के कारण, और दूसरी वजह है राइन नदी। प्राकृतिक सौंदर्य के लिए राइन नदी पूरी दुनिया में बेमिसाल है। दस साल पहले कोलोन शहर में दिल्ली से एक मित्र का आना हुआ। रविवार का दिन था, छुट्टियां मनाने मित्र का परिवार राइन नदी के किनारे निकल...
More »SEARCH RESULT
सत्तर जैसा हाल, इक्यानबे जैसी आफत
नई दिल्ली, [अंशुमान तिवारी]। वित्त मंत्री के धमकाने पर विकास दर का आंकड़ा भले ही बदल जाए, लेकिन हकीकत बदलने वाली नहीं है। भारत के आर्थिक विकास की गति व्यावहारिक रूप से अब साठ-सत्तर के दशक वाली स्थिति में पहुंच गई है। विकास दर में से अगर विदेश व्यापार और विदेशी पूंजी को हटा दिया जाए तो देशी अर्थव्यवस्था पांच फीसद भी नहीं, बल्कि केवल 3 से 3.5 फीसद की दर से...
More »बंपर पैदावार से सरसों में भारी गिरावट का अनुमान- प्रमोद कुमार शर्मा
अगले हफ्तों के दौरान मंडियों में आवक पहुंच जाएगी दो लाख बोरी तक मौजूदा रबी सीजन के दौरान देश में सरसों का उत्पादन 20 फीसदी से ज्यादा बढऩे का अनुमान है। सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन के मुताबिक पिछले वर्ष 58 लाख टन सरसों का उत्पादन हुआ था। जबकि मौजूदा सीजन में सरसों उत्पादन 71.12 लाख टन...
More »लहसुन बिक रहा 50 पैसे प्रति किलो
जहां एक तरफ प्याज के दाम आसमान छू रहे हैं वहीं लहसुन के भाव में भारी कमी आई है। थोक मंडी में हालात यह हैं कि किसानों से पचास पैसे से दो रूपये प्रति किलो में भी कोई लहसुन खरीदने को तैयार नहीं है। पिछले साल इसी माह में लहसुन के दाम 50-60 रूपये प्रति किलो थे जबकि इस साल लहसुन का 40 किलो का कट्टा केवल 20 रूपये में भी...
More »क्रोनी पूंजीवाद और विकास- भरत झुनझुनवाला
राजतंत्र, सामंतवाद व कम्युनिज्म की तुलना में पूंजीवाद ने दुनिया में बहुत अधिक समृद्धि लायी है. पूंजीवाद की यह सफलता खुले बाजार में प्रतिस्पर्धा से हासिल हुई है. बाजार में हर व्यक्ति को प्रयोग करने, नये माल बनाने एवं नयी तकनीक के उपयोग की छूट होती है. जैसे पूंजीवाद में छूट है कि कोई किसान हाइब्रिड बीज से फसल उगाये या देशी बीज से. एक किसान सफल हुआ, तो दूसरे...
More »