जयपुर. राज्य के कमजोर और पिछड़े वर्ग के बच्चों को अनिवार्य शिक्षा कानून के तहत निजी स्कूलों की पहली कक्षा में 25 प्रतिशत सीटों पर प्रवेश के लिए अभी एक साल इंतजार करना होगा। राज्य में इस कानून का यह प्रावधान 1 अप्रैल, 2011 से लागू होगा। वजह यह है कि कुछ निजी स्कूल प्रबंधकों ने अपनी प्रवेश प्रक्रिया 31 मार्च तक पूरी कर लेने का तर्क दिया था, लेकिन इसी बीच केंद्र व राज्य सरकार...
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सूबे में 114 बाल श्रमिकों को मिली आजादी
रायपुर। छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में श्रम विभाग ने कार्रवाई कर सात बाल श्रमिकों को मुक्त कराया है। जिले में अभी तक 114 बाल श्रमिकों को मुक्त कराया जस चुका है। आधिकारिक सूत्रों ने आज यहां बताया कि छत्तीसगढ़ में बाल मजदूरी के खिलाफ की जा रही कार्रवाईयों के तहत जिला स्तरीय कार्य बल ने सरगुजा जिले में पिछले दिनों सघन निरीक्षण करते हुए सात और बाल श्रमिकों को मुक्त कराया है। अधिकारियों...
More »शिक्षा हर बच्चे का मौलिक अधिकार: मनमोहन
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने गुरुवार को कहा कि शिक्षा हर बच्चे का मौलिक अधिकार है। उन्होंने शिक्षा के अधिकार कानून के गुरुवार से लागू होने के अवसर पर राष्ट्र को संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि बिना किसी भेदभाव के सभी बच्चों की शिक्षा तक पहुंच हो। उन्होंने देशवासियों से अपील की कि वे शिक्षा के जरिए देश को मजबूत बनाएं। प्रधानमंत्री ने कहा...
More »107 बाल श्रमिक मुक्त, 36 नियोजकों पर केस
रायपुर। छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में श्रम विभाग ने कार्रवाई कर नौ बाल श्रमिकों को मुक्त कराया तथा बच्चों से काम लेने वालों के खिलाफ कार्रवाई की। जिले में अब तक 107 बाल श्रमिकों को मुक्त कराया गया है तथा 36 नियोजकों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया है। आधिकारिक सूत्रों ने आज यहां बताया कि छत्तीसगढ़ में 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों से काम कराने को पूरी तरह से प्रतिबंधित...
More »अभिशाप मानते हैं स्कूल का मुंह देखना
बांदा। उनके बच्चे भी खेलते हैं मगर जहरीले सांप और बिच्छुओं के साथ। स्कूल का मुंह देखना अभिशाप है लेकिन पांच साल के बच्चों को 'सांप की पिटारी' व 'बीन' थमा दी जाती है। बाल विवाह की प्रथा है और सांप नचाने व बीन बजाने की कला का प्रदर्शन ही शादी की शर्त है। हम बात कर रहे है सपेरा समाज की। उत्तर प्रदेश में इलाहाबाद और कौशांबी से...
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