कोई एक साल पहले जब स्मृति ईरानी को केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री बनाया गया था, तो मैं उनकी नियुक्ति पर नाक-भौं सिकोड़ने वाले लोगों में शामिल नहीं था। मैंने यूपीए सरकार के ऐसे विदेशी डिग्रीधारी एचआरडी मिनिस्टरों को देखा था, जिन्होंने अपने विभागीय दायित्वों में न के बराबर दिलचस्पी दिखाई थी। उनकी तुलना में स्मृति ईरानी कहीं ऊर्जावान और सक्रिय नजर आती थीं। उन्हें देखकर उम्मीद जगती थी कि...
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पहचान छिपाने की मजबूरी देता समाज
छुआछूत को कानूनी तौर पर खत्म किए जाने के 65 साल बाद भी देश का चौथा नागरिक किसी-न-किसी रूप में इसके अनुभवों से गुजर चुका है। एक अखिल भारतीय सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है। यह सर्वे राष्ट्रीय व्यावहारिक आर्थिक अनुसंधान परिषद और मैरीलैंड यूनिवर्सिटी, अमेरिका ने किया है। इसमें महत्वपूर्ण बात यह है कि छुआछूत विरोधी तमाम कड़े कानून बनने के बाद हम उससे मुक्त नहीं हो पाए...
More »आत्महत्या करनेवाले किसानों के आश्रितों को मिलेंगे चार लाख
पटना: सूबे के वैसे किसान जो आत्महत्या कर रहे हैं उनके परिवारों के लिए राज्य सरकार ने नीति तैयार की है. इसी महीने तैयार हुई नीति को इसी वित्तीय वर्ष एक अप्रैल, 2014 से लागू कर दिया गया है. इसकी जानकारी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दी. जनता दरबार के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि इसके लिए संबंधित जिलों के जिलाधिकारी की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया गया...
More »निम्न दर्जे पर पहुंचती उच्च शिक्षा - फिरोज वरुण गांधी
उन्नीसवीं सदी के लगभग मध्य में स्थापित कलकत्ता विश्वविद्यालय और उसके उत्तरार्ध के इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने देश को नोबेल विजेता और प्रधानमंत्री दिया है। मगर अब इनकी गिनती विश्व रैंकिंग में पहले 400 विश्वविद्यालयों में भी नहीं होती। यहां तक कि ब्रिक्स देशों के शीर्ष 20 विश्वविद्यालयों में हमारी एक भी यूनिवर्सिटी नहीं है। दरअसल, हमारे विश्वविद्यालय ‘उच्च शिक्षा के नगरपालिका स्कूल' में तब्दील हो गए हैं। दूसरी तरफ, अधिकतर...
More »अंधेरी जिंदगी में ज्ञान की रोशनी बिखेर रहे 'निमंत्रण पत्र'
इंदौर। दृष्टिबाधितों की अंधेरी जिंदगी में इल्म की रोशनी बिखेरने में पुराने निमंत्रण पत्र उपयोगी साबित हो रहे हैं। इन विशेष बच्चों की परवरिश और पढ़ाई की जिम्मेदारी संभाल रही संस्थाएं उपयोग में आ चुके कार्ड का इस्तेमाल ब्रेल लिपि के जरिए अध्ययन के लिए कर रही हैं। शादियों के सीजन में अमूमन हर घर में दर्जनों विवाह पत्रिकाएं आती हैं, जिन्हें शादी के बाद आमतौर पर रद्दी में फेंक दिया...
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