यदि हाल के दिनों में मीडिया में आई खबरों और रिपोर्टों की मानें तो कहा जा सकता है कि न्यायिक सक्रियता अपने चरम पर है। मीडिया में अकसर इस आशय की खबरें छपती हैं कि अदालत ने फलां मामले में सरकार को आड़े हाथों लिया है या उसे लताड़ लगाई है। कई मामलों में तो अदालत ने विपक्षी दलों से भी ज्यादा सरकार की मुखालफत की है। कभी-कभी ऐसा भी...
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एफिडेविट बनाने में हर वर्ष खर्च होते हैं 8000 करोड़ रुपए
नई दिल्ली। यह देखते हुए कि हम भारतीय हर वर्ष करीब आठ हजार करोड़ रुपए शपथ-पत्र बनवाने पर खर्च कर देते हैं, केंद्र सरकार ने सभी मंत्रालयों और राज्य सरकारों को सरकारी कामों के लिए दस्तावेजों के स्व-प्रमाणन (सेल्फ अटेस्टेशन) को बढ़ावा देने को कहा है। कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग ने केंद्र सरकार के मंत्रालयों से वर्तमान में आवश्यक शपथ-पत्रों और विभिन्न आवेदनों के साथ लगने वाले दस्तावेजों के राजपत्रित अधिकारी...
More »पुलिस सुधार का नजरिया -विकास नारायण राय
हर वर्ष पुलिस स्मृति दिवस (इक्कीस अक्तूबर) पर विभिन्न पुलिसबलों के सैकड़ों शहीद याद किए जाते हैं। एक ओर कर्तव्य-वेदी पर प्राणों की आहुति की वार्षिक रस्म-अदायगी देश की तमाम पुलिस यूनिटों में हो रही होती है और दूसरी ओर पुलिस की छवि को लेकर भारतीय समाज में मिश्रित कुंठाएं भी ज्यों की त्यों बनी रहती हैं। पुलिस की पेशेवर क्षमता को लेकर जन-मानस में धारणा रही है, बेशक अतिरेकी,...
More »साठ साल लग सकते हैं आरटीआई की अर्जी के जवाब में-- नई रिपोर्ट
अगर आरटीआई की आपकी अर्जी मध्यप्रदेश सूचना आयोग में लंबित है तो फिर आपका धीरज पहाड़ जैसा होना चाहिए ! मामलों के निस्तारण की मौजूदा दर के हिसाब से प्रदेश के आयोग को आपकी अर्जी का निबटारा करने में साठ साल लग जाएंगे। और, अगर आपकी अर्जी विचार के लिए पश्चिम बंगाल के सूचना आयोग के लिए पड़ी है तो फिर आयोग की कछुआ चाल को देखते हुए कहा जा सकता...
More »काला धन रखने वालों के नामों का खुलासा न करे सरकार : एसोचैम
नई दिल्ली। देश का प्रमुख उद्योग संगठन एसोचैम काला धन रखने वालों के नामों का खुलासा करने के खिलाफ है। उद्योग चैंबर ने कहा है कि राजनीतिक फायदे के लिए भले ही ऐसी मांग की जा रही हो, मगर सरकार को इन लोगों के नामों को समय से पहले उजागर नहीं करना चाहिए। अगर सरकार नामों का खुलासा कर देती है, तो काले धन को लेकर उसकी लड़ाई कमजोर पड़...
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