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बागवानी पेड़ लगाने के लिए 352 करोड़ -

राजस्थान व एमपी में तूफान से हुए नुकसान की भरपाई के लिए पहल केंद्र सरकार बागवानी फसलों के पेड़ दुबारा लगाने के लिए किसानों को 352 करोड़ रुपये की मदद देगी। मार्च में महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, कर्नाटक और राजस्थान में बेमौसमी बारिश और तूफान से बागवानी फसलों को भारी नुकसान हुआ है। एक सरकार सूत्र ने बताया कि इसके अलावा केंद्र ने कर्नाटक में किसानों को 92 करोड़ रुपये की मदद...

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छत्तीसगढ़ से मोटे चावल की आपूर्ति बाधित होने का अंदेशा

गंभीर समस्या बेमौसम बारिश से भीगे धान के चावल की क्वालिटी खराब लेकिन सरकार क्वालिटी मानकों में रियायत नहीं दे रही मिल संचालकों ने अप्रैल से मिलिंग रोकने का निश्चय किया एमपी व पूर्वी राज्यों में पीडीएस की सप्लाई बाधित होगी अगले महीनों के दौरान सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के तहत चावल की सप्लाई उन राज्यों में प्रभावित हो सकती है, जहां छत्तीसगढ़ से सप्लाई होती है। फरवरी और मार्च में हुई बेमौसम बारिश और ओलों...

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किसानों को राहत का फैसला चुनाव आयोग की मंजूरी पर टिका

कोलकाता. पिछले दिनों राज्य में ओलो की हुई बारिश से भारी मात्रा में फसल को नुकसान हुआ है. किसानों ने सरकार से मदद की गुहार लगायी है, पर इन किसानों को राहत देने के लिए राज्य सरकार को चुनाव आयोग के फैसले पर निर्भर करना होगा. राज्य कृषि विभाग के अनुसार बर्फ के बड़े-बड़े टुकड़ों के गिरने एवं भारी बारिश के कारण लगभग 50 हजार किसान प्रभावित हुए हैं. उत्तर 24...

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प्रतिकूल मौसम से गेहूं की सरकारी खरीद 11%घटने की संभावना- आर एस राणा

चालू रबी विपणन सीजन 2014-15 में गेहूं की सरकारी खरीद तय लक्ष्य से 11.2 फीसदी घटकर 270-275 लाख टन ही होने की आशंका है। असमय की बारिश से गेहूं की फसल को नुकसान हुआ है, साथ ही रोलर फ्लोर मिलर्स, निर्यातकों और स्टॉकिस्टों द्वारा गेहूं की ज्यादा खरीद किए जाने की संभावना है। खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बिजनेस भास्कर को बताया कि चालू रबी विपणन सीजन 2014-15 में गेहूं की...

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इस बार के चुनाव में खेती-किसानी मुद्दा क्यों नहीं है- हरवीर सिंह

इंदिरा गांधी के इमरजेंसी राज के बाद 1977 में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को जिस जनता पार्टी ने सत्ता से बेदखल किया, उसका चुनाव चिह्न हलधर था। उस चुनाव का एक नारा था, देश की खुशहाली का रास्ता खेतों और गांवों से होकर जाता है। साफ है कि तब राजनीति के केंद्र में किसान और गांव-देहात था। अब सोलहवीं लोकसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। इस चुनाव में मध्यवर्ग,...

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