यह सबने देखा कि पिछले दिनों करीब-करीब सभी दलों में आंबेडकर जयंती मनाने को लेकर किस कदर होड़ रही। इस होड़ ने यही साबित किया कि दलित वोट की महत्ता आज पहले की तुलना में कहीं ज्यादा बढ़ गई है। दलितों को मतदान का अधिकार तो शुरू से ही है, लेकिन समाज में अपनी दयनीय स्थिति और राजनीतिक चेतना के अभाव में दलित समाज अपने इस अधिकार का इस्तेमाल नहीं...
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जमीन को लेकर बढ़ती सियासी रार - आरती जेरथ
भूमि अधिग्रहण विधेयक को लेकर कांग्रेस और भाजपा के बीच निर्णायक मुठभेड़ के लिए मंच तैयार हो चुका है और दोनों ही पार्टियां इसके लिए अपनी फौजों को तैयार कर रही हैं। इसकी गूंज संसद में बजट सत्र का दूसरा चरण शुरू होने पर सदन के भीतर और बाहर दोनों जगह सुनाई देगी, क्योंकि दोनों ही राष्ट्रीय पार्टियां अस्थिर किसान लॉबी को अपने पक्ष में करने की कोशिशों में जुटी...
More »जलवायु परिवर्तन की बढ़ती चुनौतियां - ज्योति पारिख
स्थायी विकास पर हुए रियो सम्मेलन में जलवायु परिवर्तन के मसले पर दुनिया के 100 देशों के प्रमुखों ने संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन को स्वीकार किया था, लेकिन आज 23 वर्ष बाद दुनिया एक बार फिर से चौराहे पर खड़ी है कि आगे के कदम किस तरह उठाए जाएं। कई देश चाहते हैं कि सभी देशों की जवाबदेही को सुनिश्चित करने के लिए उन्हें एक कानूनी संधि से जोड़ा अथवा...
More »जंगल के दावेदारों पर मंडराता खतरा - के सी त्यागी
भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के बाद अब आदिवासियों और जंगलों का मामला विवाद में है। ग्राम सभा की सहमति को, जो वन अधिकार कानून के अंतर्गत अनिवार्य है, समाप्त करने के संकेत मिल रहे हैं। संसद के इसी सत्र में यह प्रस्ताव लाया जा रहा है। जिन्हें हम आज अनुसूचित जातियों के अंतर्गत गिनते हैं, उन आदिवासियों की दशा अंग्रेजों के आगमन के समय से ही दयनीय हो चली थी। अंग्रेज...
More »समझना होगा सफाई का फलसफा - गोपालकृष्ण गांधी
मैं हमारे प्रधानमंत्री की 'स्वच्छ भारत" योजना का हृदयज समर्थक हूं, उसका स्वागत करता हूं। पिछले 15 अगस्त के लाल किले के भाषण में उन्होंने सफाई पर जो जोर दिया, वह मुझे बहुत अच्छा लगा। पहले कभी-कभार सफाई के बारे में उच्च नेता कुछ कहते थे, लेकिन सफाई का विषय? वह एनजीओ के लायक माना जाता था, नगरपालिकाओं के स्तर का। सड़कों पर, गलियों-कूचों पर, गांव और शहरों में सफाई...
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