विश्वबैंक ने नोटबंदी के बाद चालू वित्त वर्ष में भारत की आर्थिक वद्धि दर के बारे में अपने अनुमान को घटा दिया है पर उसके अनुसार अब भी यह सात प्रतिशत के मजबूत स्तर पर रहेगी। पहले का अनुमान 7.6 प्रतिशत था। साथ ही विश्वबैंक ने यह भी कहा है कि आने वाले वर्षों में देश की वद्धि अपनी तेज लय पकड़ लेगी और 7.6 और 7.8 प्रतिशत के स्तर...
More »SEARCH RESULT
सुधार नीतियों का प्रभावी क्रियान्वयन तय करेगा भारत की रेटिंग : मूडीज
नयी दिल्ली : सरकार की सुधारों को क्रियान्वित करने तथा नीति को प्रभावी तरीके से लागू करने की क्षमता ही आने वाले समय में भारत की रेटिंग तय करेगा. मूडीज इनवेस्टर सर्विस ने आज यह कहा. अमेरिकी एजेंसी ने कहा कि क्रियान्वित किये जा रहे सुधारों से मध्यम अवधि में देश की वृद्धि को गति मिलने की संभावना है. विदेशी निवेश प्रतिबंध में ढील, वस्तु एवं सेवा कर के पारित होने...
More »समाज सेवा के नाम पर-- मोनिका शर्मा
हाल ही में केंद्र सरकार ने देश में चल रहे तैंतीस हजार गैर-सरकारी संगठनों में से करीब बीस हजार संगठनों के लाइसेंस रद््द कर दिए हैं। सरकार ने यह कार्रवाई तब की, जब पाया गया कि ये एनजीओ विदेशी चंदा नियमन कानून (एफसीआरए) के विभिन्न प्रावधानों का उल्लंघन कर रहे हैं। यानीजिन एनजीओ का एफसीआरए लाइसेंस रद््द किया गया है, वे अब विदेशी चंदा नहीं ले सकेंगे। इस कार्रवाई के...
More »ऐसे तो नहीं रुकेंगी किसानों की आत्महत्याएं -- के सी त्यागी
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2014-2015 के दौरान आत्महत्या के मामलों में 42 फीसदी की वृद्धि दर्ज हुई है। रिपोर्ट के मुताबिक, 2014 में 5,650 किसानों द्वारा आत्महत्या की गई थी, जो वर्ष 2015 में बढ़कर 8,007 तक पहुंच गई। तस्वीर इतनी भयानक तब है, जब इस श्रेणी से कृषि मजदूरों द्वारा की गई आत्महत्या की संख्या बाहर रखी गई है। वर्ष 2014 में कुल 6,710...
More »न्यायपालिका में आरक्षण-- डा. शैबाल गुप्ता
सफल पेशेवर होने के लिए मेधा तथा ज्ञान के मेल की जरूरत होती है. मगर चिकित्सा, पुलिस और खासकर न्यायपालिका जैसे पेशों हेतु ‘सामाजिक संवेदनशीलता' नामक एक अतिरिक्त अर्हता आवश्यक है. संवेदनशीलता वस्तुतः एक ‘सामाजिक धारणा' है, जिसे कोई व्यक्ति सामाजिक संरचना में उस वर्ग तथा जाति की स्थिति के आधार पर हासिल करता है, जिसके साथ वह रहता आया है. न्यायिक फैसले लेने में इसकी इतनी जरूरत है कि...
More »