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दमनकारी पितृसत्ता की परतें- विकास नारायण राय

जनसत्ता 27 सितंबर, 2013 : ग्वालियर की एक कार्यशाला में एक कार्यकर्ता ने चंबल क्षेत्र में राज्य सरकार के ‘बेटी बचाओ’ अभियान से चिढ़े अभिभावक की प्रतिक्रिया बताई, ‘‘का हम अपनी मोढिन को मार न सकत।’’ मोढी यानी बेटी। क्या हम अपनी पत्नी को भी नहीं पीट सकते; यह हर भारतीय मर्द की अंदर की आवाज होती है। हर बाप अपनी बेटी को संपत्ति से वंचित करता ही है। हरियाणा में...

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खनन से किसका हित, मिल कर सोचें- ।।किशन पटनायक।।

बिक्री लायक पदार्थो को ‘पण्य’(माल) कहा जाता है और उनके संग्रह को ‘संपत्ति’. आधुनिक समाज में संपत्ति को मूल्यों (रुपयों) में आंका जाता है. मैं अगर करोड़पति हूं, तो मेरी संपत्ति का मूल्य करोड़ों रुपयों में है. दुनिया में जितनी भी संपत्ति है, उनके मूल में हैं प्राकृतिक संसाधन. मेहनत, बुद्धि और मशीनों के द्वारा प्राकृतिक संसाधनों से विभिन्न पण्य वस्तुओं को बनाया जाता है. मशीनें भी खनिज धातु यानी प्राकृतिक...

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भरपूर अनाज होने पर भी ज्यादा महंगाई रहने की समीक्षा होगी

चिंताजनक विरोधाभास - अगस्त महीने में खाद्य मुद्रास्फीति की दर बढ़कर 18.18 प्रतिशत हो गई है जबकि इस दौरान सामान्य मुद्रास्फीति 6.1 फीसदी रही। खाद्यान्न की पैदावार लगातार बढ़ रही है तथा केंद्रीय पूल में खाद्यान्न का भरपूर स्टॉक उपलब्ध है, इसके बावजूद खाद्य महंगाई दर ऊंची बनी हुई है, जो चिंताजनक है। -प्रो. के. वी. थॉमस, खाद्य एवं उपभोक्ता मामलात राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अगस्त में खाद्य महंगाई की दर 18 फीसदी से...

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ओडिशा, बिहार सबसे कम विकसित राज्य जबकि गोवा, केरल विकसित राज्य

नई दिल्ली। रघुराम राजन समिति की रपट में गरीब राज्यों को अतिरिक्त सहायता देने के लिये उन्हें ‘विशेष श्रेणी’ का दर्जा देने संबंधी मानदंड को समाप्त कर राज्यों को तीन विभिन्न श्रेणियों में बांटने की वकालत की गई है। रपट में गोवा व केरल को सबसे ज्यादा विकसित राज्य और ओडिशा व बिहार को सबसे कम विकसित राज्य करार दिया गया है। बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिये जाने की मांग...

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नौकरी देने वाला स्थायी उपाय नहीं है नरेगा: जयराम रमेश

नई दिल्ली। ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश का कहना है कि राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना देश के ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार दिलाने का कोई स्थायी उपाय नहीं है। ‘आईडीएफसी लिमिटेड की भारतीय ग्रामीण विकास रिपोर्ट 2013’ को जारी करते हुए रमेश ने कहा, ‘‘मैं नरेगा को स्थायी रोजगार पैदा करने वाला कार्यक्रम नहीं मानता। यह उन इलाकों में 20 से 25 साल का अवस्थांतरण कार्यक्रम है, जहां रोजगार का और...

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