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स्त्री अधिकार और आंबेडकर- सुजाता पारमिता

जनसत्ता 14 अप्रैल, 2014 : आंबेडकर ने कहा था, ‘मैं नहीं जानता कि इस दुनिया का क्या होगा, जब बेटियों का जन्म ही नहीं होगा। ’ स्त्री सरोकारों के प्रति डॉ भीमराव आंबेडकर का सर्मपण किसी जुनून से कम नहीं था। छियासी साल पहले, अट्ठाईस जुलाई 1928 के दिन, उन्होंने बंबई विधान परिषद में स्त्रियों के लिए प्रसूति से जुड़े पहलुओं से संबंधित एक महत्त्वपूर्ण विधेयक पेश किया गया था। उसका...

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नसबंदी कराने में पुरुष काफी पीछे

पटना: परिवार नियोजन के लिए महिला बंध्याकरण, तो पुरुष नसबंदी करा सकते हैं, लेकिन हमारे पुरुष प्रधान समाज में आज भी इसके लिए महिलाओं को ही आगे किया जाता है. 2012-13 की रिपोर्ट के अनुसार पूरे पटना जिले में महज 200 लोगों ने ही नसबंदी करायी है. वहीं महिलाओं में बंध्याकरण का यह आंकड़ा साढ़े 25 हजार के करीब है. राजधानी के ज्यादातर अस्पताल इसको लेकर सुस्त पड़े हुए हैं. राजेंद्रनगर अस्पताल की...

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अमेरिकी शोध में दावा, ज्यादातर लोगों को नहीं आता ठीक से हाथ धोना

ठीक से हाथ न धोना, गंदे हाथों से ज्यादा नुकसानदेय है, क्योंकि इससे जीवाणुओं की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है और वे ज्यादा खतरनाक हो जाते हैं। अमेरिका की एरिजोना स्टेट यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञों ने अपने अध्ययन के बाद यह चेतावनी दी है। शोधकर्ताओं की सलाह है कि कम से कम 20 से 30 सेकेंड हाथ धोना चाहिए, जिससे जीवाणु खत्म हो सकें। शोधकर्ताओं के मुताबिक जीवाणुरोधी साबुन अस्पताल में प्रभावी...

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जल्द मिलेंगी सस्ती दवाएं

संवाद सहयोगी, उत्तारकाशी : निर्वाचन आयोग की स्वीकृति मिली तो जल्द ही जिला अस्पताल में ही लोगों को बाजार दामों से पांच से दस गुना सस्ती दवाएं उपलब्ध हो सकेंगी। जिला अस्पताल उत्तारकाशी में जेनेरिक दवा केंद्र खोलने की कवायद शुरू हो गई थी। इस केंद्र के खुलने के बाद भी उत्तारकाशी जिला अस्पताल राज्य के चुनिंदा स्वास्थ्य केंद्रों में श्रेणी में शामिल हो जाएगा जहां जेनेरिक दवाएं उपलब्ध होती...

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ग्रामीण नागरिक पर बढ़ रहा है स्वास्थ्य खर्च का बोझ

देश के ग्रामीण इलाके के औसत नागरिक का स्वास्थ्य खर्च औसत शहरी नागरिक के स्वास्थ्य खर्च की तुलना में ज्यादा है। 68 वें दौर की गणना पर आधारित नेशनल सैंपल सर्वे की नवीनतम रिपोर्ट इस तथ्य का खुलासा करती है।   लेवल एंड पैटर्न ऑफ कंज्यूमर एक्सपेंडिचर  2011-12 शीर्षक इस रिपोर्ट के आंकड़ों के विश्लेषण से जाहिर होता है कि एक औसत भारतीय हालांकि प्रति माह औसत ग्रामीण भारतीय की तुलना में...

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