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भूमि-अधिग्रहण पर महाभारत- दिनेश त्रिवेदी

वर्ष 1989 में जब वीपी सिंह के नेतृत्व में राष्ट्रीय मोर्चा सरकार सत्ता में आई थी तो उससे काफी उम्मीदें थीं। सरकार से आम लोगों की बहुत सारी अपेक्षाएं जुडी थीं। सामान्य धारणा यही थी कि वह लंबे अरसे तक सत्ता में बनी रहेगी, लेकिन यह सपना एक वर्ष में ही बिखरने लगा। मंडल आयोग का मुद्दा राष्ट्रीय मोर्चा सरकार के लिए वाटरलू साबित हुआ और अंतत: सरकार धराशायी हो...

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संसद में महिलाओं की हिस्सेदारी- सुषमा वर्मा

भाजपा और कांग्रेस महिलाओं को बराबरी का दर्जा देने और लोकसभा व विधानसभाओं में 33 प्रतिशत आरक्षण की चाहे जितनी वकालत करें, उनकी कथनी और करनी में फर्क बरकरार है. महिलाओं के सशक्तीकरण तथा बराबरी की बात करनेवाले दलों की असलियत टिकट वितरण के समय सामने आ जाती है. यह भी देखने में आता है कि प्रमुख महिला प्रत्याशी के खिलाफ अकसर महिला को ही मैदान में उतारते है. ऐसे...

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बिहार--- केंद्र ने नहीं भेजा 49 लाख लोगों का आवंटन : रजक

पटना : खाद्य सुरक्षा के तहत बिहार के 49 लाख लोगों के लिए केंद्र सरकार ने आवंटन नहीं भेजा है. अब सरकार की समस्या इतनी बड़ी आबादी को अनाज उपलब्ध कराने की है. सरकार ने इन सबको राशन कार्ड उपलब्ध करा दिया है. विधानसभा में गुरुवार को केंद्र से आवंटन को लेकर हंगामा हुआ. खाद्य उपभोक्ता मंत्री श्याम रजक ने कहा कि केंद्र सरकार अनाज का आवंटन नहीं कर रही. वहीं,...

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दिल्लीवालों की 80 फीसदी कमाई स्कूल और घर पर खर्च

कभी शॉपिंग और ब्यूटी पॉर्लर में अपनी कमाई का मोटा हिस्सा खर्च करने वाली कामकाजी महिलाएं अब अपनी सैलरी का 80 फीसदी हिस्सा बच्चों की फीस और अन्य जरूरी मदों में खर्च कर रही हैं। इसका खुलासा पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज द्वारा पहली बार दिल्ली की कामकाजी महिलाओं पर किए गए एक सर्वे में हुआ है। सर्वे में ऐसी महिलाओं की आर्थिक स्वतंत्रता व उनके खर्च समेत इलाज और...

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उदारीकरण में पिसती ग्रामीण अर्थव्यवस्था- सुषमा वर्मा

विश्व बैंक की प्रबंध निदेशक क्रिस्टीना लेगार्ड ने हाल ही में रहस्योद्घाटन किया है कि भारत के अरबपतियों की दौलत पिछले 15 बरस में बढ़कर 12 गुना हो गई है। गौरतलब है कि यह वही दौर है जब भारत में आर्थिक उदारीकरण की शुरुआत हुए चंद साल ही हुए थे। उदारीकरण के दो दशक बाद शहरी और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के बीच का फासला लगातार बढ़ता ही नहीं जा रहा बल्कि...

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