चंपारण सत्याग्रह में औरतें पहली बार हिंदुस्तान की जमीनी राजनीति से जुड़ीं और यह औरतों की भागीदारी का बुनियाद बन गया. सूत कातना और खादी बुनना गरीब से गरीब महिला भी अपने घर में कर सकती थी. लाखों वॉलंटियरों, विशेषकर महिलाओं को, जो अपना घर नहीं छोड़ सकतीं थीं और पढ़ी-लिखी भी नहीं थी, अब आंदोलन भाग ले सकती थीं. इन कार्यों ने सबको बदला-शक्तिशाली और कमजोर को, मर्द को...
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हरियाली से कुपोषण मिटाने की मुहिम--- बाबा मायाराम
मध्य प्रदेश के बैतूल और हरदा जिले में पिछले कुछ सालों से आदिवासी हरियाली अभियान चला रहे हैं। उनका नारा है- हरियाली लाएंगे, भुखमरी मिटाएंगे।इस मुहिम का उद्देश्य है, पहला तो यह कि आदिवासियों को कुपोषण से निजात मिल सके, उनकी आमदनी बढ़ सके और दूसरा, जंगलों को फिर से हरा-भरा बनाया जा सके, पर्यावरण सुधारा जा सके और जैव-विविधता का संवर्धन और संरक्षण किया जा सके। इससे मिट्टी...
More »लातूर में पिता को कर्ज से बचाने के लिए बेटी ने दी जान
लातूर (महाराष्ट्र)। महाराष्ट्र के लातूर जिले में अपने पिता को कर्ज से बचाने के लिए एक युवती ने कुएं में कूद कर जान दे दी। युवती के पिता उनकी शादी का खर्च वहन नहीं कर सकते थे। युवती ने शुक्रवार को आत्महत्या की। इस आशय की जानकारी शनिवार को अधिकारियों ने दी। यह घटना संयोग से उसी दिन हुई है जिस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लातूर की ही एक 20...
More »खानपान थोपने की बेजा कोशिशें - मृणाल पांडे
पिछले कुछ समय से भारतीय खानपान के लोकतंत्र में मांसाहार के खिलाफ शाकाहार के स्वयंभू रक्षकों ने एक अजीब सा धावा बोल रखा है। भारतीय परंपरा की शुचिता बनाए रखने की अपील करते हुए वे देश के सभी लोगों को जबरन मांसाहार से शाकाहार की तरफ हांक रहे हैं। संभव है कि उनको किसी हद तक शाकाहारी धड़े के मन की बनावट की कुछ जानकारी हो, किंतु वे इस महत्वपूर्ण...
More »देर से शादी के चलते जानलेवा हो रहा है हाइपरटेंशन
भोपाल। आरामतलब जिंदगी और उसके बाद देर से शादी गर्भवती महिला व शिशु के लिए खतरनाक साबित हो रही है। लाइफ स्टाइल के चलते उन्हें 25 से 30 साल की उम्र में ही हाइपरटेंशन (हाई बीपी) हो रहा है। इस उम्र में मां बनने पर मां के साथ ही गर्भस्थ शिशु की जिंदगी भी खतरे में रहती है। पिछले साल (2015-16) के मैटरनल डेथ रिव्यू में सामने आया है कि...
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