हमारे देश में जिस तरह का कानून है, उसमें निर्भया के गुनहगार को बाहर आना ही था। ‘जुवेनाइल जस्टिस ऐक्ट' के तहत अपराधी को तीन साल ही बाल सुधार गृह में रखा जा सकता है। मगर यहां इस बात पर जरूर गौर किया जाना चाहिए कि पिछले तीन वर्षों में इस अपराधी की मानसिकता में सुधार क्यों नहीं हुआ? सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से यह साफ-साफ पूछा कि...
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सिर्फ व्यक्ति की आय बढ़ने से नहीं होता विकास : ज्यां द्रेज
नयी सरकार की आर्थिक घोषणा को ‘बिग बैंग' बताने के लिए इस्तेमाल किया गया. बाद में नयी सरकार की आर्थिक सफलता के दावे को सही ठहराने का प्रयास किया जा रहा है, जबकि असलियत यह है कि भारतीय अर्थव्यवस्था आर्थिक विकास के मामले में लंबे समय से बहुत अच्छा कर रही है. भारतीय अर्थव्यवस्था मामूली उतार-चढ़ाव के साथ करीब 7.5 फीसदी प्रतिवर्ष की दर से बीते 12 साल से...
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नयी सरकार की आर्थिक घोषणा को ‘बिग बैंग' बताने के लिए इस्तेमाल किया गया. बाद में नयी सरकार की आर्थिक सफलता के दावे को सही ठहराने का प्रयास किया जा रहा है, जबकि असलियत यह है कि भारतीय अर्थव्यवस्था आर्थिक विकास के मामले में लंबे समय से बहुत अच्छा कर रही है. भारतीय अर्थव्यवस्था मामूली उतार-चढ़ाव के साथ करीब 7.5 फीसदी प्रतिवर्ष की दर से बीते 12 साल से...
More »डब्ल्यूटीओ की बैठक शुरू, विकासशील देशों के लिए कृषि महत्वपूर्ण मुद्दा
विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) की बैठक मंगलवार को नैरोबी में शुरू हुई। केन्या जैसे सदस्य देशों ने लंबे समय से लंबित दोहा दौर के कृषि जैसे महत्वपूर्ण मसलों के समाधान पर जोर दिया। भारत भी लगातार दोहा दौर के लंबित मुद्दों मसलन विकासशील देशों को विशेष सुरक्षा तंत्र (एसएसएम) पर जोर देता रहा है जिससे वे अपने गरीब किसानों के हितों का संरक्षण कर सकें। मीडिया को संबोधित करते हुए 10वें...
More »अपनी तबाही रचते शहर- अनिल पद्मनाभन
भारत उन 163 देशों की सूची में सबसे ऊपर है, जिनके बाशिंदे हर साल सबसे अधिक बाढ़ की मुसीबतें झेलते हैं। हाल के दिनों में चेन्नई, श्रीनगर, मुंबई जैसे शहरों में सैलाब से तबाही का जो मंजर हमने देखा, उसके लिए बहुत हद तक दोषी हमारा गैर-जिम्मेदाराना रवैया और अनियोजित शहरीकरण है। मिन्ट के डिप्टी मैनेजिंग एडिटर अनिल पद्मनाभन का विश्लेषण चेन्नई में आई बाढ़ अब उतार पर है। इस त्रासदी...
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