एक ऐसे समय में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 'सबका साथ, सबका विकास" की भावना के साथ देश-विदेश में भारत की छवि को चमकाने और देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने तथा उसमें सुधार की पुरजोर कोशिश में लगे हुए हैं, तब दूसरी ओर देश में राष्ट्रीय मीडिया के एक बड़े हिस्से और खासकर टीवी चैनलों और कुछ अखबारों में नकारात्मक खबरों को न केवल अत्यधिक महत्व दिया जा रहा...
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रोशन दिवाली उदास दिया- आर के सिन्हा
एक बार नोबेल पुरस्कार विजेता वीएस नायपाल बता रहे थे कि वे भारत में पहली बार 1961 में दिवाली की रात मुंबई पहुंचे। हवाई अड्डे से होटल के रास्ते में उन्हें यह देख कर निराशा हुई कि यहां ज्यादातर घरों के बाहर मोमबत्तियां सजी थीं। उनके देश त्रिनिदाद एवं टुबैगो में दिवाली पर अब भी मिट्टी के दीए जलाने की रिवाज है। नायपाल ठीक ही कह रहे थे। मोमबत्ती जला...
More »दुनिया में सबसे तेज विकास दर वाला देश बना भारत
नई दिल्ली। ग्लोबल अर्थव्यवस्था में उथल-पुथल के बीच भारत दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेज विकास दर हासिल करने वाला देश बन गया है। भारत ने पड़ोसी देश चीन को पीछे छोड़कर यह उपलब्धि हासिल की है। यह खुलासा विश्र्व बैंक ने अपनी एक ताजा रिपोर्ट में किया है। विश्र्व बैंक का कहना है कि चालू वित्त वर्ष में भारत की विकास दर साढ़े सात प्रतिशत रहेगी और एक...
More »सब्सिडी नहीं बन सकती अस्तित्व का आधार : अरुण जेटली
मुंबई। रीयल एस्टेट क्षेत्र तेज आर्थिक विकास का एक अहम इंजन है। ऐसे में बिल्डरों को सरकारी सब्सिडी पर निर्भर नहीं रहना चाहिए। इसके बजाय उन्हें बाजार अर्थव्यवस्था में फलना-फूलना सीखना चाहिए। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को आवास क्षेत्र के एक सम्मेलन में रीयल एस्टेट डेवलपरों को यह कड़वी नसीहत दे डाली। जेटली ने यहां क्रेडाई-बैंकॉन समिट में अपने संबोधन में कहा कि इस कारोबार से मंदी का दौर...
More »महंगाई में किसका स्वार्थ है-- अश्वनी कुमार ‘शुकरात'
फिल्म ‘पीपली लाइव' का एक गीत काफी लोकप्रिय हुआ था। इस गीत के माध्यम से एक प्रमुख सामाजिक-आर्थिक समस्या महंगाई की ओर ध्यान आकर्षित करने का प्रयास किया गया है। गीत के बोल हैं- ‘सइयां तो बहुत कमात हैं, महंगाई डायन खाए जात है।' यानी रात-दिन काम करने के बावजूद कमाई की अपेक्षा महंगाई कई गुना अधिक बढ़ती जा रही है। इसलिए घर में जो जरूरी पदार्थ आने चाहिए, वे...
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