हर गरीब-अमीर का एक सपना होता है. एक बंगला बने न्यारा. लेकिन, गनके की सानो कुंवर ने ऐसा कोई ख्वाब नहीं देखा था. 24 साल पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव पलामू आये. मुसहरों को जमीन का पट्टा दिया. इसके बाद सानो कुंवर ने बंगला तो नहीं, अपने आशियाने का सपना देखना जरूर शुरू कर दिया. पति से कहा कि अब कहीं नहीं जायेगी, गनके में ही अपना घर बना...
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पश्चिम बंगाल में जमीन मिलने में दिक्कत के चलते फेल हुआ केंद्र सरकार का बड़ा प्लान
कोलकाता के लोगों को साल 2019 तक घर-घर पाइप्ड नेचुरल गैस (पीएनजी) पहुंचाने की केन्द्र सरकार की अहम योजना अधर में लटक गई है। पश्चिम बंगाल की ममता सरकार ने इसके लिए केन्द्र सरकार को अबतक जमीन मुहैया नहीं कराया है। राज्य सरकार के सूत्रों ने कहा है कि कोलकाता बहुत ही घना बसा हुआ शहर है, इसलिए भूमि अधिग्रहण में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इसबीच, केन्द्र...
More »खामियां बनीं सिरदर्द : हर दिन कमर तक पानी से गुजरते हैं 100 लोग
झाबुआ, ब्यूरो। शहर से 4 किमी दूर गांव नवागांव के तेरू फलिया में पानी की व्यवस्था के लिए कई साल पहले वाटरशेड मिशन से नाले पर बंधन किया गया। दो साल पहले जल संसाधन विभाग ने एक तालाब भी इसके पास बना दिया, लेकिन इस तालाब का वेस्टवियर ऊंचा था। अब फलिए के दोनों ओर से बहने वाले नाले भी तालाब में तब्दील हो गए। फलिए के लोगों के पास आने-जाने...
More »हाथ में रोटी लेकर बच्चे करते हैं मध्यान्ह भोजन
बैतूल। स्कूलों में उपस्थिति बढ़ाने के नाम पर पानी की तरह पैसा तो बहाया जा रहा है, लेकिन आज भी कई स्कूलों में हाल-बेहाल हैं। भैंसदेही विकासखंड के ग्राम मच्छी बोरगांव स्थित प्राथमिक स्कूल में पिछले 2 साल से बच्चों को मध्यान्ह भोजन देने के लिए थालियां तक नहीं हैं। ऐसे में बच्चों को हाथ में रोटियां लेकर खाना पड़ता हैं तो सब्जी के लिए घर से कुछ लाना होता...
More »पर्यावरण विमर्श का जनपक्ष-- अनुज लुगुन
विश्व बाजार में आज दो विपरीत चीजें एक साथ चल रही हैं- हथियारों की होड़ एवं पर्यावरण विमर्श. ग्लोबलाइजेशन ने ‘ग्लोबल' होने का जो सिद्धांत दिया, उसने ग्लोबल वार्मिंग की समस्या को भी पैदा किया. क्योंकि ‘ग्लोबल' होने का आधार बाजार को बनाया गया और बाजार ने पूंजी के जिस प्रलोभन को जन्म दिया, उसने हथियारों की होड़ को पैदा किया. अगर गंभीरता से देखा जाये, तो इन दोनों का...
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