कर्नाटक को भारत के आईटी सेक्टर में सफलता का सबसे ऊंचा झंडा गाड़ने वाला राज्य माना जाता है और विदे्शी निवेश के लिहाज से भी यह सबसे चहते राज्यों में शुमार है। कर्नाटक प्रति व्यक्ति आय के लिहाज देश के शीर्ष राज्यों में गिना जाता है। लेकिन आर्थिक विकास के निर्देशांकों के हिसाब से ऊंचे पायदान पर दिखने वाले इसी राज्य कर्नाटक में हजारों बच्चे कुपोषण के कारण मौत की...
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नाम के नागरिक- बृजेश सिंह (तहलका हिन्दी)
वहां से निकलना आसान नहीं है और वहां रहना तो और भी मुश्किल. सरकारी कुनीतियों के चलते अलीराजपुर में कुछ टापुऑं पर दिन बिता रहे सरदार सरोवर बांध के विस्थापितों की जिंदगी में उम्मीद को छोड़कर सब कुछ है. गरीबी, भूख, कुपोषण, बेरोजगारी और इन सबसे उपजी उनकी लाचारी की क्या कोई सुध लेगा? बृजेश सिंह की रिपोर्ट यह कहानी मध्य प्रदेश के कुछ ऐसे गांवों की है जिनके रहवासी युद्ध...
More »80 साल बाद एक बार फिर बतानी होगी अपनी जाति, धर्म और व्यवसाय
भोपाल। आप, जनगणना कर्मचारियों को अपनी जाति बताने के लिए तैयार हो जाए। क्योंकि 9 जनवरी 2012 से भोपाल में भी सामाजिक-आर्थिक जनगणना का काम शुरू हो रहा है। सरकारी कर्मचारी बाकायदा टेबलेट (छोटा कम्प्यूटर) लेकर आएंगे और आपसे आपकी जाति, आपका धर्म पूछेंगे। इसके अलावा आपसे ये भी पूछा जाएगा कि क्या आपके घर में टीवी, फ्रिज, वॉशिंग मशीन भी हैं? इसके अलावा आपसे आपके व्यवसाय और शिक्षा की भी जानकारी ली जाएगी।...
More »दूसरे राज्यों का धान रोकने में लोगों की मदद लेगी सरकार
रायपुर. उड़ीसा, झारखंड समेत अन्य राज्यों से धान लाकर राज्य में समर्थन मूल्य पर बेचने वाले तस्करों पर सख्ती की तैयारी है। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने धान तस्करों को पकड़ने में मदद करने वाले लोगों को इनाम देने को कहा है। धान तस्करों के वाहनों को राजसात कर लिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने सोमवार को राज्य में चल रही विकास योजनाओं, कानून-व्यवस्था को लेकर राज्यभर के कलेक्टर और पुलिस अधीक्षकों की बैठक...
More »बढ़ती महंगाई में योजना आयोग का मानव विकास रिपोर्ट 2011
क्या किसी देश का एचडीआर रिपोर्ट सालों से चली आ रही महंगाई और महंगाई की बढ़वार की तुलना में आमदनी की बढ़वार का जिक्र किए बगैर इस फैसले पर पहुंच सकता है कि देश में गरीबों की संख्या घटी है क्योंकि प्रतिव्यक्ति आमदनी के बढ़ने से लोगों की क्रयशक्ति बढ़ी है और वे भोजन,सेहत,शिक्षा सहित रोजमर्रा की बाकी जरुरतों पर पहले की तुलना में ज्यादा खर्च कर रहे हैं ? एक ऐसे वक्त में जब...
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