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लोकपाल पर सर्च कमेटी फरवरी अंत तक नाम की सिफारिश करे: सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने लोकपाल पर सर्च कमेटी के लिए देश के पहले लोकपाल की नियुक्ति की खातिर नामों के पैनल की अनुशंसा करने की समय सीमा फरवरी के अंत तक निर्धारित की है. सर्च कमेटी के प्रमुख सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश (सेवानिवृत्त) रंजन प्रकाश देसाई हैं. केंद्र की तरफ से पेश हुए अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने पीठ से कहा कि आधारभूत ढांचे की कमी और श्रम बल...

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भीमा-कोरेगांव: सामाजिक कार्यकर्ता आनंद तेलतुम्बड़े के ख़िलाफ़ एफआईआर रद्द करने से इनकार

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने एल्गार परिषद/भीमा-कोरेगांव हिंसा में कथित भूमिका और माओवादियों से कथित संबंधों के मामले में सामाजिक कार्यकर्ता आनंद तेलतुम्बड़े के खिलाफ दर्ज पुणे पुलिस की प्राथमिकी (एफआईआर) रद्द करने से सोमवार को इनकार कर दिया. न्यायालय ने मामले में जारी जांच में हस्तक्षेप करने से भी इनकार कर दिया. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एसके कौल ने बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा तेलतुम्बड़े को दी गई...

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सरकार के उच्च विभागों में निर्धारित सीमा से काफी कम है आरक्षित वर्ग का प्रतिनिधित्व

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने हालिया संविधान संशोधन के माध्यम से सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के उन लोगों के लिए 10 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था कर दी जिन्हें मौजूदा आरक्षण की व्यवस्था का लाभ नहीं मिल रहा था. वहीं दूसरी ओर, इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट से ये जानकारी सामने आई है कि केंद्रीय विश्वविद्यालयों के साथ सरकार के उच्च विभागों में ग्रुप-ए और ग्रुप-बी तथा अधिकतर...

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मनरेगा फंड में कमी: 250 सांसदों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री मोदी को लिखा पत्र

नई दिल्ली: ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना मनरेगा में कोष की कमी के बारे में चिंता जाहिर करते हुए सांसदों और सामाजिक कार्यकर्ताओं समेत 250 लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुला पत्र लिखा है. प्रधानमंत्री को लिखे इस पत्र में 250 लोगों के हस्ताक्षर हैं और इसके माध्यम से प्रधानमंत्री से इस योजना को मजबूत करने के लिए प्राथमिकता के आधार पर काम करने का आग्रह किया गया है. पत्र लिखने...

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खुदरा मुद्रास्फीति 18 माह के निचले स्तर पर, खाद्य वस्तुएं सस्ती होने से संकट में किसान

नई दिल्ली: खुदरा मुद्रास्फीति दिसंबर, 2018 में घटकर 2.19 प्रतिशत पर आ गई है. यह इसका 18 महीने का निचला स्तर है. फल, सब्जियां और ईंधन कीमतों में गिरावट से मुद्रास्फीति घटी है. सब्जियों वगैरह के दामों में गिरावट आने का मतलब है कि किसानों को उनके उत्पाद का उचित मूल्य नहीं मिल रहा है. इसकी वजह से किसानों को संकट का सामना करना पड़ सकता है. हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट...

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