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कोरोना संकट के दौरान बच्चों के पोषण को आश्वस्त करने में मिड-डे मील स्कीम ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है

स्कूल में दिया जाने वाला भोजन दुनिया भर में लाखों कमजोर बच्चों के लिए पोषण सुनिश्चित करता है. दुनिया भर में लगभग 37 करोड़ बच्चे स्कूल फीडिंग प्रोग्रामों का हिस्सा हैं. जबकि COVID-19 महामारी से पहले भारत में दोपहर में मिलने वाले मिड डे मील से 10 करोड़ स्कूली बच्चे लाभान्वित हुए थे, ब्राज़ील (4.8 करोड़), चीन (4.4 करोड़), दक्षिण अफ्रीका (90 लाख) और नाइजीरिया (90 लाख) जैसे देशों में...

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संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट: भारत में पैदा होते हैं सबसे अधिक मृत नवजात

द इंडियन एक्सप्रेस (6 जनवरी, 2021) में प्रकाशित अपने एक लेख में अरविंद सुब्रमण्यन और उनके सह-लेखक ने 17 राज्यों और पांच केंद्र शासित प्रदेशों के राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS-5) के हाल ही में जारी पांचवें दौर के आंकड़ों पर टिप्पणी करते हुए लिखा कि भारत ने शिशु मृत्यु दर (IMR), पांच वर्ष से कम-मृत्यु दर (U5MR) और नवजात मृत्यु दर (NNMR) जैसे कई मामलों में प्रगति की है....

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कार्यकारी (और) संपादक

-द कारवां, जैसे ही यह स्पष्ट हो गया कि डोनाल्ड ट्रंप सत्ता से बाहर हो गए हैं और जो बाइडन अमेरिका के नए राष्ट्रपति होंगे, अनंत गोयनका ने एक ट्वीट किया : मैं आशा करता हूं कि बाइडन की जीत के बाद अमेरिकी समाचार मीडिया अपने पक्षपातपूर्ण तरीके के बारे में आत्मावलोकन करेगा. वह केवल अपने प्रति वफादारों और ईको-कक्ष समुदाय के पाठकों के बजाय अवश्य ही सकल आबादी के विचारों का...

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मोदी का उदय चंद कारपोरेट घरानों का विकास है : आरएलडी उपाध्यक्ष जयंत सिंह चौधरी

-कारवां, जयंत सिंह चौधरी राष्ट्रीय लोक दल के उपाध्यक्ष हैं. इस पार्टी का पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आधार है. आरएलडी का गठन 1996 में जयंत के पिता अजित ने जनता दल से अलग हो कर किया था. इसकी पूर्ववर्ती पार्टी लोक दल थी, जिसकी स्थापना 1980 में जयंत के दादा चौधरी चरण सिंह ने की थी. चरण सिंह भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और प्रसिद्ध किसान नेता रहे. अपनी स्थापना के बाद...

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बादशाह के बरक्स किसानों की ताकत का सच गरिमा के साथ स्वीकारने का विवेक क्या शेष है?

-जनपथ, उसे हर उस चीज का बादशाह माना जाता था जिस पर उसकी नज़र जाती थी. सो उस सर्वशक्तिमान बादशाह केन्यूट [994-1035] ने उमड़ती आ रही लहरों को हुक्म दिया कि वे पीछे लौट जाएं और उसके राजसी चरणों और लिबास को गीला न करें. लेकिन बादशाह की दैविक शक्ति के बावजूद समुद्र की लहरों ने उसका हुक्म नहीं माना. मारे शर्मिंदगी के बादशाह के दरबारियों के सर झुके के झुके...

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