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देशभर में बढ़ रहा है प्रवासी मजदूरों में असंतोष, मुंबई- सूरत में सड़कों पर उतरे, दिल्ली हुई सतर्क

-द प्रिंट, कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लागू देशव्यापी लॉकडाउन को तीन मई तक बढ़ाने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषणा करने के कुछ ही घंटे बाद मुंबई और सूरत की सड़कों पर बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर सड़कों पर उतर आए. सभी ने मांग की कि वह अपने गृह राज्य वापस जाना चाहते हैं उनके लिए परिवहन की व्यवस्था कराई जाए. ये सभी प्रवासी मजदूर...

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कोरोनावायरस संकट के बीच जीवन ही नहीं अब जीविका बचाना भी हो गया है जरूरी

-द प्रिंट, कोरोनावायरस त्रासदी के बीच अब वक्त आ गया है कि जीवन बचाने के साथ जीविका बचाने पर भी सोचा जाये क्योंकि बिना जीविका, जीवन अर्थहीन सा हो जाता है. अगर आपको लगता है कि ये बात करना अभी जल्दबाजी है तो आप गलत सोच रहे हैं. क्योंकि अगर अभी ये सोचना नहीं शुरू किया गया तो देश में भुखमरी, अपराधों और आत्महत्याओं से हुई मौतों की तादाद कोरोना से...

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कोरोना लाॅकडाउन: बुंदेलखंड वापस आए मजदूरों की चिंता, अब घर कैसे चलेगा

-गांव कनेक्शन, कोरोना वायरस की वजह से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पूरे देश को लाॅकडाॅउन की घोषणा कर दी। प्रवासी दिहाड़ी मजदूर भी परेशान हो गए, ये वो मजदूर हैं जो कई साल पहले काम की तलाश में गांव-घर छोड़कर शहर चले गए थे। लेकिन लॉकडाउन के बाद भूखे-प्यासे कई सौ किमी पैदल ही चल घर वापस लौटने लगे। रामकली सहरिया (40 वर्ष) अपने पति और लड़के के साथ गाँव से 690...

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कोरोनावायरस से भारत में 40 करोड़ असंगठित मजदूरों की रोजी-रोटी हो सकती है प्रभावित: आईएलओ

द प्रिंट, कोरोनावायरस संकट और उससे निपटने के लिये जारी ‘लॉकडाउन’ (बंद) के कारण भारत में असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले 40 करोड़ लोगों के प्रभावित होने की आशंका है. इससे उनकी नौकरियों और कमाई पर असर पड़ सकता है जिससे वे गरीबी दुष्चक्र में फंस सकते हैं. अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (अईएलओ) ने मंगलवार को एक रिपोर्ट में यह कहा. भारत ने महामारी पर लगाम लगाने के लिये 25 मार्च से...

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पंजाब: कोरोना से बचें तो भूख है, भूख से बचें तो पुलिस है और पुलिस से बचें तो प्रकृति है

-सत्याग्रह, कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे के मद्देनजर पंजाब में अमरिंदर सिंह सरकार ने कर्फ्यू लगाया हुआ है. लोग-बाग अपने घरों में कैद हैं और जो बाहर निकल रहे हैं, उनकी अपनी-अपनी मजबूरियां हैं. कर्फ्यू के बीच बाहर निकलने वाले जायज लोगों को भी पुलिस की थुक्का-फजीहत बर्दाश्त करनी पड़ रही है. इस महामारी के दौर में भी यह बखूबी साबित हो रहा है कि ‘पुलिस (खासकर भारतीय) ‘पुलिस’ ही है...

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