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छत्तीसगढ़: सूखा राहत के नाम पर केंद्र से मिले सिर्फ 395.31 करोड़ रुपए

रायपुर। नईदुनिया राज्य ब्यूरो छत्तीसगढ़ को सूखा राहत के नाम पर केंद्र सरकार ने झुनझुना पकड़ा दिया है। राज्य ने प्रदेश के 21 जिले की 96 तहसीलों को खरीफ सीजन में सूखाग्रस्त घोषित किया था। राज्य के राजस्व और आपदा प्रबंधन विभाग ने सूखा राहत के लिए विभिन्न मद में 4401 करोड़ रुपए की सहायता का प्लान भेजा था। केंद्र की टीम ने सूखा प्रभावित तहसीलों का दौरा भी किया। अब...

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झारखंड : धान खरीद में गड़बड़ी, छत्तीसगढ़-मध्यप्रदेश के धान की हो रही खरीद, पलामू के किसान परेशान

चैनपुर : झारखंड के धान खरीद केंद्र में गड़बड़ी की शिकायत आयी है. पलामू जिले के किसानों की शिकायत है कि धान क्रय केंद्र पर कृषि पदाधिकारियों की मिलीभगत से छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश से धान लाने वाले व्यापारियों से खरीद की जा रही है. झारखंड के किसानों को अपने धान की सुरक्षा और रक्षा खुद करनी पड़ रही है. किसानों की इस शिकायत पर झारखंड के पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी ने...

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महिला खेतिहरों के श्रम का अवमूल्यन क्यों-- ऋतु सारस्वत

हाल ही में जारी आर्थिक समीक्षा दो महत्त्वपूर्ण बिंदुओं पर ध्यान खींचती है। एक यह कि कामकाजी महिलाओं की संख्या में गिरावट आई है। वर्ष 2005-06 में रोजगार में आ रही महिलाओं का प्रतिशत 36 था, जो कि कम होकर 2015-16 में 24 प्रतिशत रह गया है। दूसरा यह कि खेती, बागवानी, मत्स्य-पालन, सामाजिकी वानिकी में महिलाओं की महत्त्वपूर्ण भूमिका होने पर भी, उन्हें लंबे समय से उचित महत्त्व नहीं...

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बजट : जीडीपी का एक फीसद से भी कम खर्च हुआ है कृषि और ग्रामीण विकास पर

खेती-किसानी और ग्रामीण विकास पर सरकार कितना खर्च करती है- क्या बजट से पहले यह सवाल आपको अहम जान पड़ता है ? सवाल का एक उत्तर मिल सकता है देश महत्वपूर्ण मंत्रालयों के वास्तविक खर्च के आंकड़ों से. अनुमान लगाइए कि बीते छह सालों में कृषि मंत्रालय और ग्रामीण विकास मंत्रालय का वास्तविक व्यय कितना रहा होगा ? इन्क्लूसिव मीडिया फॉर चेंज टीम का शरुआती आकलन है कि इन दोनों...

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महानगरों के दड़बे-- अभिषेक कुमार

भारत जैसे आबादीबहुल देश में रोटी और कपड़े के बाद तीसरी सबसे अहम जरूरत मकान की उपलब्धता का इस वक्त क्या हाल है, इसका अंदाजा सरकारी आवासीय योजनाओं में आवेदकों की संख्या से होता रहा है। पर इन योजनाओं में फ्लैट के नाम पर काल कोठरी या मुर्गी के दड़बे जैसा घर देने की जो परंपरा दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने पिछली दो योजनाओं से शुरू की, उसका नतीजा यह...

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