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बस्तर के स्कूलों में लौटने लगे हैं शिक्षक-- शुंभ्रांशु चौधरी

के. रमेश सरकारी शिक्षक हैं पर बीते छह साल से यानी जब से उनकी नौकरी लगी है वे अपने स्कूल नहीं जाते थे. हालांकि उनको महीने में 21,000 रूपये की तनख्वाह मिलती है. बस्तर में ऐसे सैकड़ों के. रमेश हैं जो झंडा शिक्षक के नाम से जाने जाते हैं. ये लोग 15 अगस्त और 26 जनवरी को अपने स्कूल में राष्ट्रीय झंडा फहराने जाते हैं. उनके झंडा फहराने के बाद नक्सली...

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मजदूर होने का मतलब- डा अनुज लुगुन

अभी कुछ दिन पहले ही कोलकाता में ओवरब्रिज के गिरने से 22 लोगों के मरने की खबर आयी थी. मरनेवालों में ज्यादातर मजदूर थे. इनमें से एक उत्तर प्रदेश निवासी शंकर पासवान भी था, जो मोटिया का काम करता था. वह होली में अपने घर इसलिए नहीं गया, ताकि वह कुछ दिन और काम करके बेटी की शादी के लिए कुछ पैसे जमा कर सके. यह हमारे देश के मजदूरों...

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विकास के नाम पर राज्य की लूट!-- आकार पटेल

दस साल पहले, 2006 में, लता मंगेशकर ने घोषणा की थी कि अगर मुंबई के पेडर रोड पर स्थित उनके भवन के सामने फ्लाइओवर बनेगा, तो वह भारत छोड़ कर चली जायेंगी. पहले उन्होंने कहा कि इससे उनकी आवाज पर असर पड़ेगा, और बाद में तर्क दिया कि अगर सड़क पर खुदाई की गयी, तो कई इमारतों की नींव हिल जायेगी. बहरहाल, वह फ्लाइओवर नहीं बना. इस सप्ताह मुझे भारत में...

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वह आदिवासियों की उम्मीद थे- बाबा मायाराम

बी. डी. शर्मा (ब्रह्मदेव शर्मा) जी नहीं रहे, यह खबर मुझे रांची में मिली। उनका निधन 6 दिसंबर को हो गया। उस समय मैं झारखंड के मित्र सुनील मिंज से वहां तेज गति से होने वाले औदयोगिकीकरण की कहानियां सुन रहा था। जल, जंगल, जमीन जैसे संसाधन किस तरह से आदिवासियों से छीने जा रहे हैं, यह झारखंड में देखा जा सकता है। यही हाल छत्तीसगढ़, ओडिशा और देश के...

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दो से पांच दिन में बांट दी साढ़े छह सौ खदानें

मनीष गोधा, जयपुर। राजस्थान में जिन 653 खानों के आवंटन को लेकर हल्ला मचा हुआ है वे सिर्फ दो से पांच दिन में बांट दी गई थी और इस काम में केन्द्र व राज्य सरकार के दिशा निर्देशों को भी दरकिनार किया गया। खान आवंटन के लिए राज्य सरकार की ओर से गठित रिव्यू कमेटी ने अपनी रिपोर्ट इन बातों का उल्लेख किया है। राजस्थान सरकार ने इस रिपोर्ट के बाद...

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