मित्रों, केंद्र सरकार हो या राज्य सरकार, ग्रामीण विकास पर सब का जोर है. गांवों के विकास से ही देश का विकास संभव है, यह सभी जानते हैं. देश की 70 प्रतिशत आबादी गांवों में रहती है, यह सच भी सब को पता है. जाहिर है कि विकास के सवाल पर जब भी बात होगी, गांव उसका सबसे बड़ा विषय होगा. आजादी से अब तक गांवों के विकास के लिए सरकार ने अनेक...
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इस विकास की कीमत- विनोद कुमार
हमारे देश का अभिजात तबका और शहरी मध्यम वर्ग उदारीकरण और नई औद्योगिक नीति का कमोबेश समर्थक है। और उसके पक्ष में दलीलें देता है। इसी तरह दक्षिणपंथी और मध्यवर्ती राजनीतिक दल- चाहे वह कांग्रेस हो, भाजपा हो या बसपा, राजद आदि- नई औद्योगिक नीति के बारे में लगभग मिलते-जुलते विचार रखते हैं। वामपंथी दल उदारीकरण और नई औद्योगिक नीति के बारे में हाल तक थोड़ी भिन्न भाषा का इस्तेमाल...
More »मनरेगा में खत्म करें बिचौलियों की भूमिका : हेमंत
रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि झारखंड में मनरेगा में मस्टर रोल बनाने से लेकर मजदूरी के भुगतान में काफी दिक्कतें हैं. सरकार का प्रयास होना चाहिए कि मनरेगा मजदूरों का समय पर भुगतान हो और इसकी प्रक्रिया सरल की जाये. मनरेगा और वृद्धावस्था पेंशन के भुगतान में बिचौलियों की भूमिका कम करने की भी जरूरत है. रोजगार सेवकों की भूमिका भी सीमित की जाये. खेतिहर मजदूरों को किसान...
More »महिला मजदूरों से भरी नाव डूबी- मनीष शांडिल्य
बिहार के बक्सर जिले में मंगलवार की शाम महिला मजदूरों से भरी एक नाव गंगा नदी में डूब गई। इसमें नाविक, एक पुरुष और 20 महिलाओं व लडकियों समेत कुल 22 लोग सवार थे। बक्सर के एसपी बाबू कुमार के अनुसार, इनमें से 13 लोगों को ग्रामीणों के सहयोग से सुरक्षित बचा लिया गया है। बुधवार सुबह तक तीन शवों को नदी से निकाला जा चुका है। जबकि लापता लोगों की तलाश के...
More »खेतिहर मजदूरों की संख्या घटने का अर्थ
वर्ष 2001 की जनगणना के मुताबिक देश के 58.2 फीसदी कामगार कृषि एवं संबंधित क्षेत्र से अपनी जीविका चला रहे थे. इस तसवीर का दूसरा पहलू यह है कि पिछले दो दशकों में भारत के कुल सकल घरेलू उत्पाद में कृषि क्षेत्र की हिस्सेदारी लगातार कम हुई है. 2012-13 के आर्थिक सर्वेक्षण में यह आंकड़ा 14.1 प्रतिशत था. दोनों आंकड़ों की तुलना करें, तो यह एहसास होगा कि कृषि अब फायदे...
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