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ओडिशा के पहाड़ी इलाकों में स्ट्राबेरी उगा रहे हैं आदिवासी किसान

गाँव कनेक्शन, 9 जनवरी एक साल पहले 2021 में इंटीग्रेटेड ट्राइबल डेवलपमेंट एजेंसी(ITDA),ने कोरापुट जिले के चार गाँवों की 30 आदिवासी महिलाओं को पहली बार जिले के डोलियांबा गाँव में पांच एकड़ जमीन पर स्ट्रॉबेरी की खेती करने में मदद की थी। ये महिलाएं तीन स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी)-माँ सुभद्रा, माँ तारिणी और माँ बरुआ- से जुड़ी हुईं थीं। आज ये आदिवासी महिलाएं सफल स्ट्रॉबेरी किसान हैं। इंटीग्रेटेड ट्राइबल डेवलपमेंट एजेंसी,...

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सर्द रातों में सिंचाई की समस्या का समाधान बनती सौर बिजली

 मोंगाबे हिंदी, 07 जनवरी राजस्थान के गंगानगर जिले में लुढ़कता पारा नए रिकॉर्ड बना रहा है। हालात ऐसे हैं कि लोग गर्म रजाई में भी ठिठुर रहे हैं। ऐसे वक्त में मोहनपुरा गांव के 50 वर्षीय किसान सतवीर सिंह को सर्दे रात अपने गेहूं के खेत में पानी देने के लिए जाना पड़ा। उनके मुताबिक इसकी वजह बिजली आपूर्ति है जो खेती के कामों के लिए अक्सर रात में आती है। सिंह...

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जीएम सरसों के मूल्यांकन की प्रक्रिया में नियमों का उल्लंघन हुआ: ग़ैर-सरकारी संगठन

द वायर, 07 जनवरी आनुवंशिक रूप से संशोधित फसलों का विरोध करने वाले गैर-सरकारी संगठनों के एक समूह ने शुक्रवार को एक रिपोर्ट जारी कर जीएम सरसों के मूल्यांकन और उसे मंजूरी दिए जाने की प्रक्रिया में नियमों के ‘उल्लंघन’ का आरोप लगाया गया है. ‘द कोअलिशन ऑफ जीएम-फ्री इंडिया’ की तरफ से जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि जीएम-सरसों के मंजूरी-पूर्व मूल्यांकन के दौरान स्वास्थ्य विशेषज्ञों को भी शामिल नहीं...

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ग्रांउड रिपोर्ट, सरकारी राशन का सच: कार्ड न होने के कारण अनाज ही नहीं, इलाज से भी वंचित हैं लोग

डाउन टू अर्थ, 30 दिसंबर झारखंड के पलामू जिले से निकल कर चतरा जिले की ओर बढ़ते हुए एक गांव पड़ता है, सतवहिनी। यह गांव सिद्की ग्राम पंचायत के अंदर आता है। गांव में अपने बच्चों के साथ खेल रहे उमेश कुमार दिवाली के मौके पर हरियाणा के  सिरसा से लौटे हैं। वह सिरसा में सब्जी की रेहड़ी लगाते हैं। वहां अकेले रहते हैं। वह वापस सिरसा जाने की तैयारी कर...

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महाराष्ट्र के गन्ना किसानों तक कितना पहुंच रहा गन्ने से ईंधन बनाने की योजना का लाभ

मोंगाबे हिंदी, 29 दिसंबर साहू थोरत महाराष्ट्र के सतारा जिले  कलावडे गांव में रहने वाले 47 वर्ष के एक गन्ना किसान हैं। थोरत पिछले 25 वर्षों से गन्ने की खेती अपने चार एकड़ के जमीन पर करते आ रहें हैं। नवम्बर 2022 में वह अपने ताज़ा काटे हुए गन्ने के ढेर को अपनी बैलगाड़ी में लादते दिखे। इस गन्ने को 12 किलोमीटर दूर कराड शहर के रथारे के चीनी के कारखाने...

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