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लातेहार,गढ़वा में भी शुरू हुआ ऑपरेशन

रांची :  राज्य के अन्य भागों में भी रविवार से एंटी नक्सल ऑपरेशन शुरू किया गया. पुलिस की योजना नक्सल प्रभावित इलाकों की घेराबंदी करने की है. जमशेदपुर पुलिस ने रविवार को नक्सलियों के ठिकानों से भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद किया है. 150 डेटोनेटर और बादी सुरंग विस्फोट करने के लिए इस्तेमाल किये जानेवाले क्वायल बरामद किये गये हैं. डीजीपी नेयाज अहमद ने बताया कि राज्य के कई हिस्सों में एक साथ ऑपरेशन चलाया जा...

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दो एकड़ भूमि पर एक कूप की होगी व्यवस्था

रांची । मनरेगा के तहत सूबे में बनने वाले तालाबों की उपयोगिता पर मंगलवार को विधानसभा में विधायकों ने सवाल उठाये और इसे जनता के पैसे की बर्बादी बताया। इसके स्थान पर बड़े डायमीटर वाले कूपों के निर्माण की मांग की। इस पर कृषि मंत्री ने आश्वस्त किया कि हर दो एकड़ भूमि के लिए एक बड़े कूप की व्यवस्था की जाएगी। मंत्री के बेटे को ही मिलेगा ठेका तो क्या होगा काम...

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खनन पट्टों के नवीकरण पर रोक से उबाल

सासाराम। रोहतास उद्योग पूंज की बंदी की भरपाई को विकसित करवंदिया का पत्थर उद्योग संकट में है। इस उद्योग से सीधे जुड़े 50 हजार हांथों पर बेरोजगारी की तलवार लटक गयी है। दो हजार करोड़ के सालाना टर्न ओवर वाले इस उद्योग से मजबूत हुई जिला की आर्थिक संरचना भी डगमगाने लगी है। आने वाली स्थिति को भाप करोड़ों की पूंजी लगाये बैंकों के हाथ-पाव फूलने लगे हैं। हाल में राज्य सरकार के बिहार लघु...

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गढ़वा में आदिम जनजातियों पर लाठीचार्ज

गढ़वा। सोमवार को अपराह्न चार बजे पूरा समाहरणालय परिसर तब रणक्षेत्र में तब्दील हो गया, जब प्रदर्शनकारियों व पुलिस के बीच हिंसक झड़प हो गई। सीआरपीएफ के जवानों ने प्रदर्शन कर रहे आदिम जनजाति के लोगों पर जमकर लाठियां बरसाई। प्रदर्शनकारियों ने भी पुलिस पर पथराव किया। इस दौरान पूरे परिसर में भगदड़ मच गई। गिरते-पड़ते लोग इधर-उधर भाग रहे थे और सीआरपीएफ के जवान उन्हें खदेड़-खदेड़कर पीट रहे थे। घटना में कई महिलाएं व...

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लोकतंत्र पर भारी पड़ी भूख की लड़ाई

दाउदनगर (औरंगाबाद) झारखंड के मजदूरों को राजनीति से कोई मतलब नहीं रह गया है। यहां जिनोरिया में कृषि कार्य करने पलामू और गढ़वा जिला से दर्जनों मजदूर आए है। उन्हे इससे भी कोई मतलब नहीं है कि झारखंड की राजनीति क्या हो रहा है। उन्हें बस अपने पेट की चिंता है। छतरपुर के रामपति भुईयां कहते है कि घर दुआर हइए नहीं है, खपरैल है, जैसे तैसे रहते है। चुआड़ी बनाकर बरसात का पानी पीते...

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