द थर्ड पोल, 29 मई इस साल फरवरी में भारत की प्रमुख वैज्ञानिक एजेंसी ने घोषणा की कि उसे 59 लाख टन लिथियम भंडार के “अनुमानित स्रोत” मिले हैं। यह घोषणा जम्मू और कश्मीर के रियासी ज़िले में रहने वाले लोगों के लिए खुशी की बात नहीं थी। सरकार ने पहले ही इस ज़िले में कीमती लिथियम के खनन की सुविधा के लिए कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। इस बीच...
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नैनो यूरिया ट्रायल से खेत तक, भाग-एक: किसानों का क्यों हो रहा मोहभंग?
डाउन टू अर्थ, 29 मई इसी तरह से सोनीपत के कुराड़ गांव में रहने वाले 64 वर्षीय किसान सतपाल डाउन टू अर्थ से कहते हैं कि बीते वर्ष नैनो यूरिया का इस्तेमाल उन्होंने भी किया था। नवंबर, 2022 में गेहूं लगाया था जिसकी कटाई अप्रैल, 2023 में की। वह बताते हैं कि फसल में बुआई के करीब 20 से 25 दिन बाद नैनो यूरिया का स्प्रे भी कराया था लेकिन फसलों...
More »छत्तीसगढ़ः हाथियों की सिर्फ 1% आबादी के बावजूद क्यों बढ़ रहा है मानव-हाथी संघर्ष
मोंगाबे हिंदी, 24 मई छत्तीसगढ़ के बालोद ज़िले के कुंजकन्हार गांव की रहने वाली 60 साल की गीताबाई को शायद अनुमान नहीं रहा होगा कि घर से सुबह-सुबह बाहर निकलना उनके लिए जानलेवा साबित होगा। 16 मई की सुबह जब वो घर से निकल कर खेत की ओर गईं तभी एक जंगली हाथी ने उन्हें कुचल कर मार डाला। इसी तरह 15 मई की सुबह सुरजपुर ज़िले के बगड़ा गांव के 55...
More »उत्तराखंड: जोशीमठ संकट के चार महीने बाद किस हाल में हैं प्रभावित लोग
मोंगाबे हिंदी, 22 मई “हमें अपने खेतों और पशुओं की देखभाल के लिए दिन में कई बार अपने राहत शिविर से अपने घर आना पड़ता था और अब तो शिविर में खाना भी नहीं मिल रहा इसलिए अब हम दिनभर अपने घर में ही रहते हैं,” जोशीमठ के वार्ड क्रमांक 07 (सुनील गांव) की रहने वाली सुनैना सकलानी कहती हैं। उत्तराखंड के चमोली जिले में बसे जोशीमठ शहर में इस साल जनवरी...
More »अरावली की 50 हजार एकड़ जमीन प्राइवेट कंपनियों के हाथों में देने की तैयारी!
गाँव सवेरा, 22 मई सरकार की ओर से पेश किए गए वन (संरक्षण) संशोधन विधेयक 2023 को राज्य के जंगलों के लिए आत्मघाती बताते हुए पर्यावरणविदों ने इसे वापस लेने की मांग की है. लोकसभा की संयुक्त संसदीय समिति को भेजी गई जानकारी में इस बात का खुलासा हुआ है कि नये विधेयक के जरिये अरावली की 50 हजार एकड़ जमीन का कमर्शियल यूज के लिए रास्ता खोलने की तैयारी है. वहीं...
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