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धरती के 40 प्रतिशत जंगलों के जलने व कार्बन उत्सर्जन के लिए जिम्मेवार हैं 88 बड़े उद्योग, जानें कैसे?

डाउन टू अर्थ, 24 मई एक शोध के मुताबिक, पिछले 40 सालों में पश्चिमी अमेरिका और दक्षिण-पश्चिमी कनाडा में जंगल की आग से जले हुए लगभग 40 प्रतिशत जंगली इलाकों के लिए दुनिया के 88 सबसे बड़े उद्योग जिम्मेवार है। इन उद्योगों को जीवाश्म ईंधन और सीमेंट निर्माण से जुड़े कार्बन उत्सर्जन के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। शोध में कहा गया है कि, तेल और गैस कंपनियां जलवायु परिवर्तन...

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भारत में 51 वर्षों के दौरान चरम मौसम से जुड़ी 573 आपदाओं में 138,377 लोगों ने अपनी जान गंवाई

डाउन टू अर्थ, 23 मई  विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्ल्यूएमओ) ने पिछले 51 वर्षों का आंकड़ा जारी करते हुए जानकारी दी है कि 1970 से 2021 के बीच भारत में जलवायु से जुड़ी 573 चरम आपदाएं जैसे बाढ़, सूखा, तूफान, लू, भीषण गर्मी, भूस्खलन और दावाग्नि की वजह से 138,377 लोगों ने अपनी गंवाई है।  डब्ल्यूएमओ द्वारा यह जानकारी हर चार वर्षों में होने वाली विश्व मौसम विज्ञान कांग्रेस में जारी किए...

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राजस्थान की अवांछित बेटियां: लिंग निर्धारण और कन्या भ्रूण हत्या

रूरल वॉयस, 22 मई भारत में कपास के उत्पादन में हाल के वर्षों के दौरान गिरावट आई है। यह गिरावट वर्ष 2015 से लगातार है। इस दौरान उत्पादन सालाना 400 लाख गांठ से घटकर 310 लाख गांठ रह गया है। कीटों का प्रभाव नए सिरे से बढ़ने और विपरीत जलवायु परिस्थितियों के कारण यील्ड नहीं बढ़ रही है। विश्व औसत कपास उत्पादकता 768 किलो प्रति हेक्टेयर है, जबकि भारत का राष्ट्रीय...

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भारतीय मॉनसून पर असर डालती उत्तरी ध्रुव की बदलती जलवायु

मोंगाबे हिंदी, 15 मई उत्तरी ध्रुव में पिछले एक हजार साल के ठंडे और गर्म मौसम के दौर को एक अध्ययन के जरिए फिर से बनाया या रीकंट्रस्ट किया गया है। इसमें पाया गया है कि इस दौरान भारत के मॉनसून में भी बदलाव देखा गया। भारत के नेशनल सेंटर फॉर पोलर एंड ओशन रिसर्च (NCPOR) के वैज्ञानिकों का कहना है कि गर्म उत्तरी ध्रुव की स्थिति भारतीय उपमहाद्वीप में बहुत ज़्यादा...

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सुपर साइक्लोन मोका ने म्यांमार में मचाई तबाही, बांग्लादेश को बख्शा

कार्बनकॉपी, 15 मई सुपर साइक्लोन ‘मोका’ रविवार को म्यांमार और बांग्लादेश के तटों से टकराया। लैंडफॉल से पहले यह कटैगरी-5 के तूफान जितना तेज हो गया था। बताया जा रहा है कि यह इस साल धरती पर अब तक का सबसे तेज चक्रवात रहा है। हालांकि, तटों से टकराने के कुछ घंटों बाद यह कमजोर होकर डिप्रेशन में बदल गया। चक्रवात के कारण म्यांमार की दक्षिण-पूर्वी तटरेखाओं को व्यापक नुकसान पहुंचा है और निचले...

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