कार्बनकॉपी, 15 नवम्बर हमारा ध्यान विकसित देशों पर है जो शमन (मिटिगेशन) पर अपने वादों से पीछे हट रहे हैं। उनका कहना है कि यह बस कुछ समय के लिए है। लेकिन विज्ञान हमें बताता है कि कुछ समय के लिए ही सही, इस प्रकार लक्ष्यों से पीछे हटना दशकों के लॉस एंड डैमेज (हानि और क्षति) का कारण बन सकता है। इसलिए, हमारे लिए बहुत जरूरी है कि हम हानि और...
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कॉप 27: 2022 के दौरान भारत के उत्सर्जन में हो सकती है 6 फीसदी की वृद्धि, चीन में आएगी गिरावट
डाउन टू अर्थ, 14 नवम्बर पिछले वर्ष की तुलना में इस साल वैश्विक उत्सर्जन में मामूली वृद्धि होने की आशंका है। वहीं सबसे ज्यादा वृद्धि भारत में देखने को मिल सकती है। यह जानकारी मिस्र के शर्म अल-शेख में जलवायु परिवर्तन पर चल रहे 27वें संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (कॉप 27) के दौरान जारी रिपोर्ट में सामने आई है। वहीं अमेरिका में उत्सर्जन में दूसरी सबसे बड़ी वृद्धि होने का अनुमान...
More »कॉप 27: उत्सर्जन में कटौती के लिए नाकाफी है भारत का अपडेटेड एनडीसी: रिपोर्ट
डाउन टू अर्थ, 11 नवम्बर भारत द्वारा राष्ट्रीय निर्धारित योगदान यानी एनडीसी में जो अपडेट किए हैं वो केवल कागजी शेर हैं। बल्कि वो पिछली प्रतिबद्धता की तुलना में उत्सर्जन को कम करने के लिए कहीं ज्यादा नाकाफी हैं। यह जानकारी जलवायु परिवर्तन पर मिस्र के शर्म अल-शेख में चल रहे संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन के 27वें सम्मेलन (कॉप 27) में जारी एक रिपोर्ट में सामने आई है। इस बारे में क्लाइमेट एक्शन...
More »कॉप-27: जलवायु परिवर्तन से बढ़ेंगी बीमारियां, हर साल 2.50 लाख अतिरिक्त मौतों के आसार
डाउन टू अर्थ, 10 नवम्बर कॉप 27 जलवायु वार्ता में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने चेतावनी देते हुए कहा है कि जलवायु संकट से लोग बीमार हो रहे हैं और यह जीवन को खतरे में डाल रहा है। इन महत्वपूर्ण वार्ताओं में स्वास्थ्य चर्चा के केंद्र में होना चाहिए। डब्ल्यूएचओ का मानना है कि सम्मेलन को जलवायु संकट से निपटने के लिए शमन, अनुकूलन, वित्तपोषण और सहयोग के चार प्रमुख लक्ष्यों के...
More »जलवायु परिवर्तन सम्मेलन: पहले दिन कुछ खोया कुछ पाया
कार्बन कॉपी, 07 नवम्बर मिस्र में चल रहा जलवायु परिवर्तन सम्मेलन के पहले दिन ही खींचतान और दांवपेंच का दौर शुरू हो गया. भारत और विकासशील देशों के लिए यह बहुत अहम वार्ता है. विशेष रूप से साल 2022 में हुई एक्सट्रीम वेदर की घटनाओं को देखते हुए. ऐसे में यह जानना ज़रूरी है कि भारत सरकार जो कि इस सम्मेलन की अहम भागीदार है उसका रुख क्या रहेगा? अच्छी ख़बर यह...
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