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पिछले 20 सालों में सांप डसने से हुई 10 लाख से अधिक भारतीयों की मौत

हाल ही में, ‘ट्रेंडस् इन स्नेकबाइट मोर्टिलिटी इन इंडिया फ्रॉम 2000 टू 2019’ नामक एक शोध लेख प्रकाशित हुआ है, जोकि राष्ट्रीय स्तर पर, भारत में सांप के डसने मृत्यु दर के रुझानों से अवगत कराता है. शोध लेख के मुताबिक, जहरीले सांपों के डसने के कारण पिछले दो दशकों में 10 लाख से अधिक भारतीयों की मौत हुई है. ओपन एक्सेस जर्नल elifesciences.org में प्रकाशित इस शोध-आधारित अध्ययन में...

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मार्च 2021 तक बैंकों का एनपीए पिछले दो दशक में सबसे अधिक होने की आशंका: आरबीआई

-द वायर, बैंकों की सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) तुलनात्मक परिदृश्य के अंतर्गत चालू वित्त वर्ष के अंत तक बढ़कर 12.5 प्रतिशत हो सकती है. यह मार्च 2020 में 8.5 प्रतिशत थी. रिजर्व बैंक की वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट में यह कहा गया है. रिपोर्ट के अनुसार, बहुत गंभीर दबाव वाले परिदृश्य में सकल एनपीए मार्च 2021 तक 14.7 प्रतिशत तक जा सकता है. इसमें कहा गया है, ‘दबाव परीक्षण यह संकेत देता है कि...

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भारत में सांप के काटने से 20 साल में मारे गए लाखों लोग

-बीबीसी, एक नई स्टडी के ज़रिए भारत में पिछले बीस सालों में सांप के काटने से तकरीबन 12 लाख लोगों की मौत का अनुमान लगाया गया है. इस स्टडी के अनुसार सांप के काटने या सर्प दंश से मरने वाले तकरीबन आधे लोगों की उम्र 30 साल से 69 साल के बीच थी. मरने वालों में एक चौथाई बच्चे थे. सर्प दंश से होने वाली ज़्यादातर मौतों के लिए 'रसेल्स वाइपर' (दुबोइया), 'करैत'...

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कोरोना के बीच सरकारी वादे और जल संकट

-वाटर पोर्टल, पूरी दुनिया इस समय कोरोना वायरस की चपेट में है। तीन लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हैं, जबकि 15 हजार से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। चीन, इटली, यूएसए, स्पेन आदि विकसित देश कोरोना के प्रकोप से बूरी तरह प्रभावित हैं। इटली ने लगभग हार ही मान ली है। तो वहीं पाकिस्तान में भी अब कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। भारत में भी कोरोना...

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फैक्ट चैक : कोरोनावायरस लॉकडाउन में मोदी सरकार के दस बड़े झूठ

-कारवां, 24 मार्च को जब केंद्र सरकार ने नोवेल कोरोनावायरस के प्रसार को रोकने के लिए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की तो सरकार के प्रतिनिधियों और मंत्रियों ने अपनी राजनीति को सही ठहराने और आलोचना से पल्ला छुड़ाने के लिए जनता के बीच लगातार आधी-अधूरी और झूठी बातें प्रचारित की. अधिकारियों ने जो दावे किए उनमें से कई जमीनी रिपोर्टों से मेल नहीं खाते. देश के कई हिस्सों में भूख और भुखमरी...

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