यदि हाल के दिनों में मीडिया में आई खबरों और रिपोर्टों की मानें तो कहा जा सकता है कि न्यायिक सक्रियता अपने चरम पर है। मीडिया में अकसर इस आशय की खबरें छपती हैं कि अदालत ने फलां मामले में सरकार को आड़े हाथों लिया है या उसे लताड़ लगाई है। कई मामलों में तो अदालत ने विपक्षी दलों से भी ज्यादा सरकार की मुखालफत की है। कभी-कभी ऐसा भी...
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पुलिस सुधार का नजरिया -विकास नारायण राय
हर वर्ष पुलिस स्मृति दिवस (इक्कीस अक्तूबर) पर विभिन्न पुलिसबलों के सैकड़ों शहीद याद किए जाते हैं। एक ओर कर्तव्य-वेदी पर प्राणों की आहुति की वार्षिक रस्म-अदायगी देश की तमाम पुलिस यूनिटों में हो रही होती है और दूसरी ओर पुलिस की छवि को लेकर भारतीय समाज में मिश्रित कुंठाएं भी ज्यों की त्यों बनी रहती हैं। पुलिस की पेशेवर क्षमता को लेकर जन-मानस में धारणा रही है, बेशक अतिरेकी,...
More »पहले मन साफ कीजिए, फिर सड़क- हर्षमंदर
इन दिनों देश में साफ-सफाई को लेकर एक बड़े सामाजिक आंदोलन की गहरी कसक दिखाई पड़ रही है। गांधी के नाम को याद किया जाने लगा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे बढ़कर स्वच्छता अभियान की अगुवाई की। उनके मंत्रियों और अधिकारियों ने कैमरों के आगे झाड़ू पकड़े। कॉलेज और स्कूलों के बच्चों ने गंदगी के खिलाफ और अपने आस-पड़ोस को साफ-सुथरा रखने की शपथ ली। इसके पहले प्रधानमंत्री ने...
More »आरटीआइ के तहत सूचना मांगने की वजह बताएं: मद्रास हाई कोर्ट
नई दिल्ली। सूचना का अधिकार कानून (आरटीआइ) पर दूरगामी असर डालने वाले एक फैसले में मद्रास हाई कोर्ट ने कहा है कि आरटीआइ आवेदकों को सूचना मांगने की वजह बतानी चाहिए। साथ ही उसने एक प्रमुख मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के खिलाफ शिकायत पर पंजीयन कार्यालय को फाइल नोटिंग उजागर करने से भी छूट दे दी है। जस्टिस एन पॉल वसंतकुमार और के रविचंद्रबाबू के खंडपीठ ने कहा कि किसी भी आवेदक को...
More »कम नहीं हो पा रहा कुपोषण- संदीप कुमार
सरकार का दावा है कि लोगों में कुपोषण घटा है. नेशनल सैंपल सर्वे आर्गनाइजेशन (एनएसएसओ) की 66वीं अध्ययन रिपोर्ट में बताया गया है कि दो तिहाई लोग पोषण के सामान्य मानक से कम खुराक ले पा रहे हैं. योजना आयोग का मानना है कि हर ग्रामीण को न्यूनतम 2400 किलो कैलोरी व हर शहरी को न्यूनतम 2100 किलो कैलोरी का आहार मिलना चाहिए. जमीनी हकीकत क्या है, यह भी सरकारी...
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