सफल पेशेवर होने के लिए मेधा तथा ज्ञान के मेल की जरूरत होती है. मगर चिकित्सा, पुलिस और खासकर न्यायपालिका जैसे पेशों हेतु ‘सामाजिक संवेदनशीलता' नामक एक अतिरिक्त अर्हता आवश्यक है. संवेदनशीलता वस्तुतः एक ‘सामाजिक धारणा' है, जिसे कोई व्यक्ति सामाजिक संरचना में उस वर्ग तथा जाति की स्थिति के आधार पर हासिल करता है, जिसके साथ वह रहता आया है. न्यायिक फैसले लेने में इसकी इतनी जरूरत है कि...
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15 करोड़ के अधिक भारतीय हैं मानसिक रूप से बीमार
नई दिल्ली। क्या आप खुद को अन्य लोगों की तुलना में मानसिक रूप से अधिक स्वस्थ मानते हैं? क्या आपको इस सुझाव पर हंसी आती है कि किसी को मानसिक समस्या भी हो सकती है, तो आप गलत हो सकते हैं। मेंटर हेल्थ एंड न्यूरो साइंसेज (Nimhans) के द्वारा तैयार की गई एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 13 साल और इसके अधिक उम्र के 15 करोड़ भारतीय एक या...
More »सुधार की दिशा में सख्ती से बढ़ें कदम - डॉ. एके वर्मा
देश के पांच राज्यों उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में फरवरी-मार्च में विधानसभा के चुनाव होने हैं। निर्वाचन आयोग की ओर से इन राज्यों के चुनावों की तिथियों की घोषणा कभी भी हो सकती है। जब भी चुनाव आते हैं, निर्वाचन आयोग का सारा ध्यान नए मतदाता बनाने व चुनावों को सफलतापूर्वक संपन्न् कराने में लग जाता है, किंतु जो असली मुद्दा है कि चुनावों में अच्छे लोग...
More »शीर्ष संस्थाओं में उचित नहीं टकराव - अरविंद मोहन
देश इस समय नोटबंदी के फैसले से उपजी नकदी की अपर्याप्त उपलब्धता की समस्या से जूझ रहा है और शासन के दो अंग- कार्यपालिका तथा न्यायपालिका अपने अहं की लड़ाई में लगे हैं। इसका एक दौर तो दीपावली के आसपास हुआ था, पर एक दौर अभी-अभी बीता है। हाई कोर्ट के जजों की नियुक्ति के लिए कॉलेजियम प्रणाली के तहत दरअसल जिन नामों को जज बनाने की सिफारिश की गई...
More »मर्दाना पर्सनल लॉ बोर्ड-- नासिरुद्दीन
एक बार फिर ऑल इंडिया मुसलिम पर्सनल लॉ बोर्ड सुर्खियों में है. और इतिहास गवाह है कि पर्सनल लॉ बोर्ड के सुर्खियों में आने की ज्यादातर एक ही वजह होती है. वह है, मुसलिम महिलाएं. एक बैठकी में तीन तलाक, भरण पोषण, मर्दों की एक साथ कई शादियां जैसी एकतरफा मर्दाना हकों के खिलाफ पिछले कुछ महीनों में महिलाओं की आवाज तेज हुई है. ये आवाजें सुप्रीम कोर्ट की चौखट...
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