पटना : बजट में कृषि विभाग में वित्तीय वर्ष 2017- 18 के बजट में पिछले बजट की तुलना में 73.39 करोड़ रुपये की कटौती कर दी गयी है. बिहार सरकार ने सोमवार को 2644.74 करोड़ का बजट पेश किया, जबकि 2016-17 में कृषि का प्रस्तावित बजट 2718.13 करोड़ था. फसलों की उत्पादकता बढ़ाने के लिए श्री विधि से धान की खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है....
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प्राइवेट अस्पतालों में प्रैक्टिस नहीं कर पाएंगे सरकारी डॉक्टर
रायपुर, निप्र। राज्य सरकार ने प्रदेशभर के सरकारी डॉक्टर्स की प्राइवेट प्रैक्टिस के नियम सख्त कर दिए हैं। नियमों के आधार पर कोई भी सरकारी डॉक्टर किसी निजी नर्सिंग होम, क्लीनिक, पैथोलॉजी लैब में सेवाएं नहीं दे सकता। वह अपने खुद की क्लीनिक में जरूर बैठ सकता है। डॉक्टर्स को इन नियमों के आधार पर अपने-अपने विभाग प्रमुख को 25 फरवरी तक शपथ-पत्र देना होगा, अगर नियमों का उल्लंघन पाया...
More »80 हजार का बिल नहीं देने पर अस्पताल नहीं दे रहा शव
बिलासपुर। मगरपारा स्थित किम्स हॉस्पिटल प्रबंधन द्वारा शव को बंधक बनाने का मामला सामने आया है। जानकारी के अनुसार संतोष सूर्यवंशी निवासी जांजगीर चम्पा पांच दिन पहले पेंटिंग करते वक्त 20 फीट ऊपर से गिर गया था। पहले उसका प्राथमिक इलाज़ जांजगीर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में हुआ। जहां से चिकित्सकों ने उसे किम्स जाने की सलाह दी। दो दिन पूर्व इलाज के दौरान संतोष की मौत हो गई। किम्स प्रबंधन ने...
More »मच्छरों से जंग: श्रीलंका से क्या सीखें हम
श्रीलंका ने मलेरिया से मुक्ति पा ली है, जबकि भारत अब भी इससे जूझ रहा है। इसके उन्मूलन का लक्ष्य सन 2030 का है, जबकि इस बीच डेंगू, चिकनगुनिया तेजी से लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं और मच्छर से फैलने वाले जीका जैसे खतरनाक रोग दस्तक दे रहे हैं। संचिता शर्मा की रिपोर्ट बीते पांच सितंबर को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने हमारे पड़ोसी देश श्रीलंका को मलेरिया-मुक्त घोषित...
More »अजब चिकनगुनियामय देश हमारा - मृणाल पांडे
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली सहित पुणे, लखनऊ और चंडीगढ़ जैसे कई बड़े शहर इन दिनों चिकनगुनिया, डेंगू और तमाम तरह की बरसाती पानी के जलभराव से उपजी महामारियों के शिकार हो रहे हैं। सरकारी अस्पतालों में तिल धरने की जगह नहीं, घर-घर लोग तड़प रहे हैं और तमाम उपलब्ध सरकारी-गैरसरकारी अस्पताल नाकाफी साबित हो रहे हैं। अधिकतर बीमार शहरी मलिन बस्तियों के वे गरीब हैं, जो हर तरह की नागर सुविधा...
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