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लैंगिक समानता की खंडित परिभाषा-- ऋतु सारस्वत

खेलों में स्त्री-पुरुष समानता के लिए काम करने वाली बिली जीन किंग ने महिलाओं के लिए सफल लड़ाई लड़ने के बाद पुरुष खिलाड़ियों की समानता के लिए पहल की है। बिली ने कहा ‘महिला खिलाड़ी की तरह पुरुष टेनिस खिलाड़ियों का मैच भी वेस्ट आॅफ थ्री सेट कर देना चाहिए। फिलहाल पुरुष खिलाड़ी पांच सेट का मैच खेलते हैं। इससे पुरुषों को अधिक मेहनत करनी पड़ती है और उनके चोटिल...

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साम्यवाद गया पर लेनिन जिंदा हैं-- रामचंद्र गुहा

एक प्रति-तथ्यात्मक सवाल है- अगर त्रिपुरा में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (माक्र्सिस्ट) ने भगत सिंह की मूर्तियां लगाई होतीं, तो क्या होता? क्या माकपा को सत्ता से बाहर कर देने के बाद भाजपाई उनके साथ भी यही सुलूक करते? एक साल पहले एक इतिहासकार मित्र, जो माकपा सदस्य भी हैं और मैं बेंगलुरु में लंच कर रहे थे। कम्युनिस्ट होने से अलग, अच्छे अध्येता, मजाकिया-हाजिर जवाब और क्रिकेट प्रेमी होने...

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हरियाणा में लिंगानुपात में सुधार की धमक पूरे देश में

चंडीगढ़। राष्ट्रीय स्तर पर हरियाणा में लिंगानुपात की बदतर स्थिति दर्शाने वाले नीति आयोग को केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने आईना दिखा दिया है। बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ की मुहिम में शानदार प्रदर्शन के कारण सोनीपत को देश के शीर्ष दस जिलों में शामिल किया गया है। पीएनडीटी (प्री-नेटल डायग्नोस्टिक टेक्निक) एक्ट कैटेगरी में हरियाणा के खाते में यह उपलब्धि आई। हरियाणा से सोनीपत इकलौता जिला है जिसे यह सम्मान...

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इन भिखारियों के दो मंजिला मकान, रोज की कमाई हजार रुपए

अजमत अली, भिलाई(छत्तीसगढ़)। हाल ही केंद्र सरकार ने घोषणा की है कि देश के भिखारियों को कौशल विकास योजना के तहत प्रशिक्षित कर रोजगार-स्वरोजगार मुहैया कराया जाएगा...। आइये अब भिलाई चलते हैं। इस्पात नगरी के रूप में विख्यात छत्तीसगढ़ के इस शहर में भिखारियों का कौशल देख आप दो-तीन रात चैन से नहीं सो सकेंगे। दिमाग में बस दो ही शब्द गूंजते रह जाएंगे 'कौशल विकास'। दबंगई से रहते हैं... भिलाई में...

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शहरीकरण के बढ़ते खतरे--- देवेंद्र जोशी

अनियोजित शहरीकरण आज किसी एक प्रदेश की नहीं, बल्कि पूरे देश की समस्या है। आजादी के सत्तर सालों में जहां कस्बे शहर, शहर नगर और नगर महानगर बनते चले गए, वहीं गांवों की स्थिति में कोई खास बदलाव नहीं आया। गांव आज भी गांव ही है। वही आबोहवा, आंचलिक संस्कृति, एक-दूसरे के सुख-दुख में हिस्सा बंटाने का आत्मीय भाव, अभाव में भी संतुष्टि और इस सबसे बढ़ कर छोटी-सी घटना...

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