जलवायु परिवर्तन की समस्या अब मानव सभ्यता के अस्तित्व के लिए बहुत बड़ा संकट बन चुकी है. दुनियाभर में करोड़ों लोग बीमारियों के शिकार हैं, फसलों की उत्पादकता पर नकारात्मक असर हो रहा है और आम जन-जीवन में कई तरह की एलर्जी की अवधि बढ़ती जा रही है. इसके बावजूद विभिन्न देशों ने इस चुनौती को लेकर लापरवाही का ही नहीं, बल्कि इसे नकारने तक की प्रवृत्ति अपनायी हुई है. संयुक्त...
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पहाड़ पर लौटी हरियाली-- बाबा मायाराम
मध्यप्रदेश का एक गांव है रूपापाड़ा। यहां पेड़ लगाने की चर्चा गांव-गांव फैल गई है। पहले यहां आसपास गांव के हैंडपंप सूख चुके थे लेकिन जंगल बड़ा हुआ, हरा भरा हुआ तो उनमें पानी आ गया। लोगों के पीने की पानी की समस्या हल हुई। यह झाबुआ जिले की पेटलावद विकासखंड में है। यहां के लोगों को खेती में पानी नहीं है, सूखे की खेती करते हैं,यानी वर्षा आधारित। लेकिन...
More »नदी पुनर्जीवन ही विकल्प-- सुरेश उपाध्याय
माना जाता है कि सभ्यताओं का विकास नदियों के किनारों पर ही हुआ है। लेकिन हम जिस दौर में जी रहे हैं और विकास की जिस अंधाधुंध दौड़ में शामिल हो गए हैं, उसने सबसे पहला हमला हमारी नदियों पर ही किया है। एक ओर नदियों को प्रदूषित किया जा रहा है तो दूसरी ओर कई नदियां विलुप्ति के कगार पर हैं या विलुप्त हो चुकी हैं। नदियों के शुद्धीकरण...
More »बारिश में जल बचाइए-- रोहित कौशिक
मौसम वैज्ञानिक पहले ही यह घोषणा कर चुके हैं कि देश में अच्छी बारिश होने का अनुमान है। मानसून-पूर्व बारिश से भी यही आसार नजर आ रहे हैं कि इस बार मानसून मजबूत रहेगा। हालांकि कुछ वैज्ञानिकों का अनुमान है कि मानसून बहुत ज्यादा मजबूत नहीं रहेगा। बहरहाल, इस बारिश का पूरा फायदा तभी होगा जब हम जल संरक्षण की कोई गंभीर योजना बनाएंगे। कृषि की बढ़ती जरूरतों, ऊर्जा उपभोग,...
More »बारिश में जल बचाइए-- रोहित कौशिक
मौसम वैज्ञानिक पहले ही यह घोषणा कर चुके हैं कि देश में अच्छी बारिश होने का अनुमान है। मानसून-पूर्व बारिश से भी यही आसार नजर आ रहे हैं कि इस बार मानसून मजबूत रहेगा। हालांकि कुछ वैज्ञानिकों का अनुमान है कि मानसून बहुत ज्यादा मजबूत नहीं रहेगा। बहरहाल, इस बारिश का पूरा फायदा तभी होगा जब हम जल संरक्षण की कोई गंभीर योजना बनाएंगे। कृषि की बढ़ती जरूरतों, ऊर्जा उपभोग,...
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