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भट्टा-परसौल कांड: एनएचआरसी की रिपोर्ट में पुलिस दोषी

नोयडा। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की शुरुआती रिपोर्ट में यूपी पुलिस को दोषी पाया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि यूपी पुलिस ने संघर्ष के दौरान किसानो और महिलाओं के साथ ज्यादती की थी।गौरतलब है कि भट्टा पारसौल गांव में मंगलवार को मानवाधिकार आयोग की ६ सदस्यीय टीम पहुंची और ग्रामीणों से गहनता से जांच पड़ताल की थी। टीम ने धरना स्थल और बिटोरों की राख का मुआयना करने के बाद...

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बीच बहस में न्यूनतम मजदूरी

हालांकि केंद्र सरकार ने मनरेगा के अन्तर्गत दी जाने वाले मजदूरी को उपभोक्ता मूल्य सूचकांक से जोड़ने की बात मान ली है, फिर भी वह इस मामले में संविधानप्रदत्त न्यूनतम मजदूरी देने में संकोच कर रही है जबकि देश के कई सूबों में अब भी मनरेगा के अन्तर्गत दी जाने वाली मजदूरी न्यूतम मजदूरी से कम है। सरकार का तर्क है कि न्यूनतम मजदूरी दी गई तो बढ़ा हुआ वित्तीय...

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सूचना आयुक्त ही दबा रहे हैं जानकारी -- सचिन जैन और रोली शिवहरे

हमने तंत्र और उसे चलाए रखने वाले लोगों की जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिये सूचना के अधिकार कानून की पैरवी की थी, परन्तु जब सरकार इसे लागू करने के लिये जिम्मेदार आयोगों में नौकरशाहों को नियुक्त करने लगती है तब हमें चौकन्ना हो जाना चाहिये. अपने सेवाकाल के करीब तीस सालों या 12775 दिनों में तंत्र के हिस्से के रूप में काम करते हुये जिन लोगों ने उसे गैर जवाबदेह बनाया,...

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सूबे में चरम पर है मानवाधिकार हनन

रांची। झारखंड में मानवाधिकार का हनन चरम पर है। प्रदेश में लोग भूख से मर रहे है। जब सरकार की ओर से जांच होती है,तो रिपोर्ट में आता है कि उस व्यक्ति की मौत किसी अज्ञात बीमारी से हुई है। यह बातें ह्यूमन राइट लॉ नेटवर्क झारखंड यूनिट के निदेशक योगेन्द्र प्रसाद ने कहीं। आज सीपीआई राज्य कार्यालय में मानवाधिकार एवं भारतीय संविधान विषय पर कार्यशाला आयोजित थी। रांची विश्वविद्यालय के छात्रों...

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कुपोषण की चपेट में सहरिया जनजाति के नौनिहाल-एएचआरसी

परंत, राजवीर, रामकुमारी,सन्नी- ये नाम घनघोर कुपोषण में दम तोड़ने वाले बच्चों के हैं। 3 साल या फिर इससे भी कम उम्र के सभी बच्चे मध्यप्रदेश के शिवपुरी जिले गांवों में आबाद सहरिया जनजाति के हैं। आशिक, कुलदीप,पवन और मालती जैसे कुछ बच्चे और हैं, ये भी सहरिया जनजाति के ही हैं और कुपोषण की चपेट में इनका भी दम किसी क्षण टूट सकता है।(देखें लिंक संख्या-1) मानवाधिकारों के मोर्चे पर...

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